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अंचल के 7 केंद्रों पर बिना काम हर साल जेयू लुटा रहा 17 लाख

locationग्वालियरPublished: Sep 14, 2018 07:03:47 pm

ग्वालियर. जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू) पूरे अंचल में अपने सात आंचलिक केन्द्रों पर हर साल साल 14 से 17 लाख रुपए लुटा रहा है। ये केन्द्र छात्रों की समस्याओं…

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अंचल के 7 केंद्रों पर बिना काम हर साल जेयू लुटा रहा 17 लाख

ग्वालियर. जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू) पूरे अंचल में अपने सात आंचलिक केन्द्रों पर हर साल साल 14 से 17 लाख रुपए लुटा रहा है। ये केन्द्र छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए खोले थे, लेकिन ये उनके लिए दुविधा का केन्द्र बन गए हैं। सैकड़ों छात्र अपना समय और पैसा बर्बाद कर जेयू में काम के लिए चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन अधिकारी अपने चहेतों की ड्यूटी इन केन्द्रों पर लगाकर उनकी जेबें गर्म कर रहे हैं।
दरअसल जेयू प्रबंधन ने छात्रों की मार्कशीट, रिजल्ट, डिग्री जैसी छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए सात जिलों जिनमें मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, अशोक नगर गुना के लीड सरकारी कॉलेज में आंचलिक केन्द्र खोले।
प्रत्येक में दो-दो कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। जिनको हर महीने 10 से 12 हजार रुपए सैलरी भी दी जा रही है, लेकिन छात्रों की समस्याओं के निराकरण की जगह यहां जेबें भरने का काम जारी है। यहां अधिकारियों ने ठेके पर अपने चहेतों को बिठा दिया है, जिनका काम सिर्फ सैलरी लेना है।
वित्त विभाग को नहीं पता कितना खर्चा
शिकायत पर जब रेक्टर प्रो.आरजे राव ने वित्त विभाग से इन आंचलिक केन्द्रों पर हो रहे खर्च का ब्यौरा मांगा तो उसने मना कर दिया। उसका कहना था कि उसके पास इन केन्द्रों पर हो रहे खर्च का ब्यौरा नहीं है। यह ब्यौरा संबंधित सर्विस एजेंसी से मिल सकता है। इसके बाद जब एजेंसी से खर्च का ब्योरा मांगा तो पता चला कि हर साल करीब 17 लाख रुपए का खर्चा इन केन्द्रों को चलाने में आ रहा है।

कॉलेज प्राचार्यों ने जताई थी आपत्ति
करीब दो वर्ष पूर्व शिवपुरी, दतिया और अशोक नगर के लीड कॉलेजों ने विवि को शिकायत दर्ज कराई थी उनके द्वारा आंचलिक केन्द्रों पर नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आते हैं। अगर कभी आ भी जाते हैं तो छात्रों की समस्याओं को हल करने की जगह काम के लिए पैसों की मांग करते हैं। कॉलेज प्राचार्यों ने इन केन्द्रों को बंद करने के लिए लिखित में शिकायत भी की, लेकिन प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया।
होगी कार्रवाई
आंचलिक केन्द्र छात्रों की सहायता के लिए खोले गए हैं, अगर इन पर कोई काम नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी किए जाएंगे।
प्रो.संगीता शुक्ला, कुलपति,जेयू

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