रिजल्ट रुका तो यह कॉलेज संचालक जेयू में अधिकारियों से ऑफ लाइन अंक जमा कर छात्रों का रिजल्ट घोषित करने के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन विवि ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वो ऑफलाइन अंक सहजता से स्वीकार नहीं करेगा, इसके लिए कॉलेज को नोटशीट चलानी होगी, जिसमें सभी अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी, साथ ही नियमानुसार जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
फिलहाल जो कॉलेज प्रैक्टीकल और सेशनल के अंक समय पर नहीं भेजते हैं, उनसे २५ हजार रुपए जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। इसलिए नहीं भेजते समय पर अंक
सूत्रों की मानें तो निजी कॉलेज संचालक सेशनल और प्रैक्टीकल परीक्षाओं में छात्रों को पास करने के एवज में 500 से 1200 रुपए तक की वसूली करते हैं। जो छात्र पैसे दे देते हैं, उनके अंक तो यह ऑनलाइन भेज देते हैं, बाकी छात्रों के रोक देते हैं। इस मामले में जेयू ने कॉलेज संचालकों को पहले ही चेता दिया था, लेकिन वे नहीं माने। विवि के रिकॉर्ड में छात्र सेशनल और प्रायोगिक परीक्षाओं में अनुपस्थित हैं, फिर भी उन्हें परीक्षा में शामिल करा दिया। अब छात्रों ने पैसा दे दिया तो कॉलेज संचालक उनके अंक ऑफलाइन जमा कर रिजल्ट निकालने की कोशिश रहे हैं।
हमने दिसंबर 2017 से पूर्व स्पष्ट कर दिया था कि अब इस तिथि के बाद सेशनल और प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक ऑफलाइन स्वीकार नहीं किए जाएंगे, लेकिन कॉलेज संचालकों ने आदेशों को अनसुना करते हुए छात्रों को परीक्षा में बैठा दिया। अब छात्रों का रिजल्ट रुक गया है।
अभयकांत मिश्रा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार,जेयू