केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने ट्वीटर एकाउंट से रेल मंत्री को लिखे पत्र के साथ यह जानकारी ट्वीट की है। उन्होंने में ग्वालियर के हॉकी स्टेडियम की दयनीय स्थिति को अवगत कराया। साथ ही निवेदन किया है कि उचित देखभाल के अभाव में ग्वालियर का एस्ट्रोटर्फ खेलने लायक नहीं बचा है। इसलिए एस्ट्रोटर्फ को बदलने के साथ ही स्टेडियम के नवीनीकरण की भी बात पत्र में कही है।
ये काम हो चुके हैं पूरे
रेलवे हॉकी स्टेडियम मई-21 में काम शुरू हो गया था। पुराने एस्ट्रोटर्फ को उखाड़ दिया गया है और यहां लेवलिंग के लिए मुड्डियां लगा दी गई है। इसके अलावा नई पानी की लाईन और सीवर लाइन को डाल दिया गया है। बाथरूम के पुराने टाइल्स को हटा दिया गया है नया सीमेंट करा दिया गया है। स्टेडियम में पुराने स्प्रिंगल को हटाने के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम की लाइन को साफ कर कचरा निकाल दिया गया है। बारिश के कारण कंपनी ने काम रोक दिया है। 15 अगस्त के बाद काम फिर से शुरू हो जाएगा। मौजूदा एस्ट्रोटर्फ 2013 में अपनी लाइफ को पूरा कर चुका था और कई सालों से बदलने के प्रयास किए जा रहे थे। उम्मीद है इस साल के अंत तक नया एस्ट्रोटर्फ बिछकर तैयार हो जाएगा।
कोरोना के कारण एक साल लेट हो गया काम
पिछले साल रेलवे एस्ट्रोटर्फ बदलने के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण आने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। इसके बाद दुबारा टेंडर प्रक्रिया की गई। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अब एस्ट्रोटर्फ बदलने का काम शुरू कर दिया गया है। पुराने एस्ट्रोटर्फ को उखाड़ दिया गया है।
शहर का पहला एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम
रेलवे हॉकी स्टेडियम ग्वालियर का पहला स्टेडियम था जहां एस्ट्रोटर्फ बिछाया गया। इसके बाद मप्र महिला हॉकी एकेडमी कम्पू और लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम बनाकर तैयार हुए थे। वर्तमान में ग्वालियर में चार एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम है।