महाआर्यमन और अन्न्या है सिंधिया के बेटा बेटी
देश में महाराज कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियदर्शिनी सिंधिया के इकलौते बेटे महाआर्यमन सिंधिया है। महाआर्यमन सिंधिया मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है, जो अब सियासत में कदम रखने को तैयार हैं। इनके अलावा एक बेटी है। जिसका नाम अन्नया राजे सिंधिया।
विदेश में जाना जाता है महल
आपको बता दें कि ग्वालियर में करीब 12,40,771 वर्ग फीट में फैले सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस अपनी भव्यता के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। इसे देखने देश और विदेश से लोग आते हैं। जय विलास पैलेस का निर्माण महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने आजादी से पहले सन 1874 में कराया था। बताया जाता है कि उस समय महल की कीमत एक करोड़ रुपए आंकी गई थी। वहीं वर्तमान में शाही महल का एक हिस्सा म्यूजियम बन चुका है। म्यूजियम की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी सिंधिया हैं। जबकि, एक हिस्से में वर्तमान महराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार रहता है।
आपको बता दें कि ग्वालियर में करीब 12,40,771 वर्ग फीट में फैले सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस अपनी भव्यता के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। इसे देखने देश और विदेश से लोग आते हैं। जय विलास पैलेस का निर्माण महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने आजादी से पहले सन 1874 में कराया था। बताया जाता है कि उस समय महल की कीमत एक करोड़ रुपए आंकी गई थी। वहीं वर्तमान में शाही महल का एक हिस्सा म्यूजियम बन चुका है। म्यूजियम की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी सिंधिया हैं। जबकि, एक हिस्से में वर्तमान महराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार रहता है।
प्राचीन वस्तुएं मिलती है देखने
करीब 40 कमरों में बने भव्य म्यूजियम में सिंधिया काल के अस्त्र-शस्त्र, डोली एवं बग्घी और कांच के पायों पर टिकी सीढिय़ों की रेलिंग प्रदर्शित की गई है। यहां आपको पूर्व महाराजों के जीवन परिचय, उनका दरबार हाल, राजशाही चेयर-कुर्सिया समेत विदेशों में निर्मित कई प्राचीन वस्तुएं देखने को मिलेंगी।
यह खास बात है महल की
सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस की छत खास बात यह है कि महल के दरबार हॉल में सात-सात टन वजनी बेल्जियम के दो झुमर लगे हैं, जो दुनिया का सबसे वजनी झुमरों में से एक है। कहां जाता है कि इतना वजनी झुमर लगवाने से पहले यूरोपियन आर्किटेक्ट माइकल फिलोसे ने महल के छत पर हाथियों को चढ़ाकर देखा था कि छत इन हाथियों का वजन शह सकता है या नहीं।
सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस की छत खास बात यह है कि महल के दरबार हॉल में सात-सात टन वजनी बेल्जियम के दो झुमर लगे हैं, जो दुनिया का सबसे वजनी झुमरों में से एक है। कहां जाता है कि इतना वजनी झुमर लगवाने से पहले यूरोपियन आर्किटेक्ट माइकल फिलोसे ने महल के छत पर हाथियों को चढ़ाकर देखा था कि छत इन हाथियों का वजन शह सकता है या नहीं।
200 मिलियन डॉलर में हुआ था महल का निर्माण
बताया जाता है कि सिंधिया घराने का भव्य महल का निर्माण 1874 में हुआ था। उस समय इस महल की कीमत करीब 1 करोड़ (200 मिलियन डॉलर) रुपए आंकी गई थी। महल यूरोपीय आर्किटेक्ट और डिजाइन का बेहतरीन नमूना है। इसका निर्माण नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित सर माइकल फिलोसे ने किया था। महल में बना दरबार हॉल लोगों में काफी ख्यात है।