scriptकाल भैरव जयंती 7 दिसंबर को, भैरव मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना | Kaal Bhairav Jayanti on 7 December, worship to be held in Bhairav | Patrika News

काल भैरव जयंती 7 दिसंबर को, भैरव मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना

locationग्वालियरPublished: Dec 04, 2020 12:51:49 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– रोग और दु:खों से निजात दिलाती है भैरव की पूजा

काल भैरव जयंती 7 दिसंबर को, भैरव मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना

काल भैरव जयंती 7 दिसंबर को, भैरव मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना

ग्वालियर. काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। शास्त्रों में भगवान काल भैरव का जन्म मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था। इस वर्ष यह तिथि 7 दिसंबर सोमवार को पडऩे जा रही है। मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से रोग और दु:खों से निजात मिलती है। इसके अलावा काल भैरव की पूजा करने से मृत्यु का भय दूर होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। काल भैरव तंत्र के देवता हैं इसलिए उनकी पूजा रात को करने का विधान है।भैरव अष्टमी पर शहर में विभिन्न मंदिरों पर रात में ही पूजा-अर्चना होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार अष्टमी तिथि 7 दिसंबर को शाम 6.47 से प्रारंभ होकर अगले दिन 8 दिसंबर शाम 5.17 तक रहेगी। सोमवार की रात अष्टमी होने से उस दिन पूजा करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। भैरव के वाहन श्वान का पूजन करके दूध, दही, मिठाई इमरती एवं रोटी खिलाना चाहिए। पूजन में फूल माला, नारियल, दही बड़ा, इमरती, सिंदूर का उपयोग करना चाहिए। साथ ही बटुक भैरव कवच का पाठ करना चाहिए।
इन मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना
शहर में अलग-अलग स्थानों पर काल भैरव के मंदिर बने हुए हैं। माधौगंज, रॉक्सी पुल करतार होटल के पास, नया बाजार चौराहा, पिंटो पार्क मुरार, कसेरा ओली, सराफा बाजार बच्छराज का बाड़ा, नई सडक़, जनकताल बहोड़ापुर स्थित अमरा पहाड़ी पर बने कालभैरव के प्राचीन मंदिर आदि स्थानों पर बने काल भैरव के मंदिरों में भैरव बाबा का मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से महाभिषेक होगा। साथ ही इस दिनों लोग काल भैरव की पूजा-अर्चना भी करेंगे।
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