ग्वालियर

सितारों की बदली चाल, सौर मंडल में छाया कालसर्प दोष इन राशियों में पर होगा असर

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार 18 सितंबर से कालसर्प दोष शुरू हो चुका है, जो आगामी 2 मई 2018 तक रहेगा। 7 माह, 15 दिन स्थाई रहने वाले इस दोष के चलते

ग्वालियरSep 21, 2017 / 11:17 am

Gaurav Sen

विजय राठौर @ ग्वालियर

कालसर्प दोष का आगाज हो चुका है। इस दोष से प्रभावित होने वाले जातकों का हानिकारक प्रभावों से आमना-समाना हो सकता है, देश-विदेश में भी काफी उठा पटक देखने को मिल सकती है।


ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार 18 सितंबर से कालसर्प दोष शुरू हो चुका है, जो आगामी 2 मई 2018 तक रहेगा। 7 माह, 15 दिन स्थाई रहने वाले इस दोष के चलते चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह केतु से ग्रसित रहेंगे। कुंभ, मीन, मेष, वृषभ और मिथुन राशियों में चंद्रमा के अलावा अन्य और कोई ग्रह 18 सितंबर से 2 मई के बीच संचार नहीं करेगा। राहु-केतु, शनि और मंगल में से किसी पर भी देव गुरु, बृहस्पति की दृष्टि नहीं रहेगी। मिथुन, कन्या, राशि पर मंगल, केतु व शनि के प्रभाव के कारण मीडिया से जुड़े लोगों के जीवन में उथल-पुथल देखने को मिलेगी।

 

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अंत्यत असरकारक रहेगा
सितारों की टेढ़ी चाल के चलते 6 अक्टूबर से 29 नंवबर तक का समय अंत्यत प्रभावकारी रहेगा। इस दौरान दोष से पीडि़त जातकों को अधिक सावधानी पूर्वक वाहन चलाने की आवश्यक्ता है।

 

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ये नुकसान की संभावनाएं
काल सर्प दोष के दौरान मंगल पर केतु और शनि की दृष्टि होने से स्कूल, विश्वविद्यालयों से जुड़े नुकसान और नौजवान वर्ग को निशाना बनाकर कोई बड़ा आंदोलन शुरू होने की संभावानाए है।

भू-गर्भ में हो सकती है हलचल
12 से 25 नवंबर के बीच विश्व के कई हिस्सों में भूकंप की संभावना है। वहीं भू-गर्भ से जुड़ी सुनामी व मौसम में बड़े बदलाव के आसार रहेंगे। 13 अक्टूबर से मंगल के कन्या में प्रवेश करने के बाद भू-व्यवसाय में उछाल आने का योग है।

ऐसी रहेगी ग्रहों की चाल
13 अक्टूबर को मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेगा
26 अक्टूबर को शनि पुन: धनुराशि में आएगा।
मंगल पर शनि और केतु की दृष्टि 28 अक्टूबर से प्रारंभ होगी।
शनि अग्नि राशि धनु और केतु के मूल नक्षत्र में आकर महाविस्फोटक प्लूटो से युक्त होगा।
11 अक्टूबर को मंगल, शनि, राहु , केतु, सभी ग्रह 28 डिग्री पर होंगे और शनि एवं मंगल एक-दूसरे को एक डिग्री से देखेंगे, इसलिए ग्रह चाल का अशुभ प्रभाव रहेगा।

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