दरअसल, ग्वालियर के एबी रोड निवासी केशवराय चौधरी फॉर्म खरीदने के लिए सिर पर 10 रुपए के सिक्के से भरी करीब 20 किलो और 2 रुपए के सिक्कों से भरी 12 किलो वजन की दो बोरियां रखकर पहुंचे। दोनों में 25 हजार के सिक्के थे।
पहले तो चौधरी को सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया, लेकिन बाद में जब उन्होंने बताया कि वे निर्दलीय उम्मीदवारी के लिए फॉर्म लेने के लिए आए हैं तो जवान भी चौंक गए। केशव चौधरी ने बताया कि वे 1990 में कोऑपरेटिव बैंक मुरैना में पदस्थ थे, बाद में नौकरी छोड़ दी और बेटों के साथ मिलकर बिजली फिटिंग का काम शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बाजार में सिक्के लेने में आनाकानी की जाती है, दुकानदार सिक्के नहीं लेते, बैंक भी मना करती है। इसलिए सोचा सरकारी करेंसी को दुकानदार नहीं ले रहे तो सरकार को क्यों न दी जाए।
निर्वाचन अधिकारी अनुराग चौधरी के समक्ष पहुंचकर केशव ने फॉर्म खरीदने के लिए आवश्यक खानापूर्ति की। इसके बाद उन्होंने बैंक की सील लगे बोरों में भरे सिक्कों के जरिए देकर नॉमिनेशन फॉर्म लिया।