मेला रोड पर रैली को पुलिस ने रोका, पुलिस से कहा-सुनी
पुरानी छावनी से शुरू हुई रैली गोले के मंदिर होते हुए मेला रोड से कलेक्ट्रेट की ओर जा रही थी, लेकिन वहां पुलिस ने उनको रोक लिया और रैली समाप्त करने के लिए कहा, लेकिन इस बात को लेकर किसानों और पुलिस के बीच कहा-सुनी भी हो गई, लेकिन किसान नहीं माने और फिर फूलबाग मैदान के लिए रवाना हुए। यहां पहले से भारी पुलिस बल तैनात था और एडीएम भी मौके पर पहुंच गए थे। इसके बाद एडीएम फूलबाग पर ही ज्ञापन ले लिया।
पुरानी छावनी से शुरू हुई रैली गोले के मंदिर होते हुए मेला रोड से कलेक्ट्रेट की ओर जा रही थी, लेकिन वहां पुलिस ने उनको रोक लिया और रैली समाप्त करने के लिए कहा, लेकिन इस बात को लेकर किसानों और पुलिस के बीच कहा-सुनी भी हो गई, लेकिन किसान नहीं माने और फिर फूलबाग मैदान के लिए रवाना हुए। यहां पहले से भारी पुलिस बल तैनात था और एडीएम भी मौके पर पहुंच गए थे। इसके बाद एडीएम फूलबाग पर ही ज्ञापन ले लिया।
कांग्रेस के झंडे हटवाए
इस रैली की खास बात ये रही कि रैली में शिरकत करने और किसानों को समर्थन देने कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी अपने झंडे बैनर लेकर मैदान में आ गए लेकिन किसान नेताओं ने उन्हें झंडे हटाने के लिए कहा। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने झंडे हटा लिए इस मामले में कुछ किसान नेताओं का कहना था कि यदि कोई पार्टी हमारा समर्थन करती है तो ठीक है लेकिन किसी भी पार्टी के झंडे बैनर लगाना गलत है क्योंकि ये विशुद्ध रूप है किसानों का आंदोलन है।
इस रैली की खास बात ये रही कि रैली में शिरकत करने और किसानों को समर्थन देने कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी अपने झंडे बैनर लेकर मैदान में आ गए लेकिन किसान नेताओं ने उन्हें झंडे हटाने के लिए कहा। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने झंडे हटा लिए इस मामले में कुछ किसान नेताओं का कहना था कि यदि कोई पार्टी हमारा समर्थन करती है तो ठीक है लेकिन किसी भी पार्टी के झंडे बैनर लगाना गलत है क्योंकि ये विशुद्ध रूप है किसानों का आंदोलन है।
संशोधन नहीं, कानून वापस ले सरकार
किसान संगठन नेता अखिलेश यादव ने कहा, पराली और बिजली कानून को वापस लेने के केन्द्र सरकार ने कहा है लेकिन हम कृषि कानून में संशोधन नहीं चाहते है। किसानों की मांग है कि इन कानून को वापस लिया जाया। आठ जनवरी को फिर केन्द्र सरकार से बातचीत है यदि इसमें कोई निर्णय नहीं निकलता है तो हम इस आंदोलन को ओर तेज करेंगे।
किसान संगठन नेता अखिलेश यादव ने कहा, पराली और बिजली कानून को वापस लेने के केन्द्र सरकार ने कहा है लेकिन हम कृषि कानून में संशोधन नहीं चाहते है। किसानों की मांग है कि इन कानून को वापस लिया जाया। आठ जनवरी को फिर केन्द्र सरकार से बातचीत है यदि इसमें कोई निर्णय नहीं निकलता है तो हम इस आंदोलन को ओर तेज करेंगे।
किसान नेता ने कहा, कृषि कानून से किसान ही नहीं बल्कि उसका परिवार भी दुखी है इसलिए ट्रैक्टर रैली में महिलाएं और बच्चे भी आए हैं। अभी ट्रैक्टर रैली का आह्वान किया गया था उसके तहत रैली निकाली गई है आगे जो भी किसान संगठन आदेश करेगा उस आधार पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।