वहीं दूसरा मरीज सागर में नौकरी करने वाला पुलिस कर्मचारी है। बीमार होने पर वह कुम्हारपुरा स्थित अपने घर आया था। यहां जांच के दौरान उसके डेंगू पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद से ही मलेरिया विभाग ने फोगिंग अभियान को और तेज कर दिया है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में दो पलंगों पर डेंगू के मरीजों के लिए व्यवस्था कर दी गई है।
पूरी तरह से रहें सावधान
डेंगू एक विषाणु जनित गंभीर बीमारी है। संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। ब्रेक बोन फीवर’ के नाम से भी जानी जाती है। इसके लक्षण मच्छर के काटने के 2 से 7 दिन बाद दिखते हैं। मुख्य लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द है। इसके अतिरिक्त उल्टी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द एवं त्वचा पर चकत्ते (रंश) पड़ना है। डेंगू हेमरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम इस बीमारी का गंभीर रूप है।
जानिए क्या हैं डेंगू से बचाव के उपाय
– एडीज एजिप्टी मच्छर साफ एवं स्थिर पानी में अपने अंडे देती है अतः घर के अंदर टंकी, बाल्टी में एकत्रित पानी को 3 से 4 दिन में खाली कर, सुखाकर फिर पानी से भरे।
– चिड़िया, गाय, या कुत्तों को पानी पिलाने के बर्तनों एवं सीमेंट की टंकियों को रोज अच्छे से धोकर सुखाकर भरे।
– घर में पानी में लगाने वाले पौधे जैसे मनीप्लांट कमल आदि न लगाएं
– घर में करवा चौथ के करवे, कूलर शीशी, टूटे-फूटे बर्तन गमले पुराने टायर आदि में पानी जमा ना होने दें।