उल्लेखनीय है, चंबल नदी में जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में पहली बार नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा था। दो बार अटेर में बाढ़ के हालत बने जिसमें एक बार तो तटवर्ती गांवों को प्रशासन द्वारा खाली तक कराना पड़ गया था। मंगलवार को छोड़े गए पानी से अटेर के तटवर्ती गांवों के मुख्य रास्तों के बंद होने की संभावनाएं बन गई हैं।
प्रदेश में मालवांचल एवं राजस्थान में चंबल के केचमेंट एरिया में जारी वर्षा के कारण बांध लबालब हो रहे हैं जिससे उनसे अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा रहा है। इसी तारतम्य में मंगलवार शाम को कोटा बैराज 9 गेट खोलकर 2.36 लाख पानी की निकासी की गई है। बुधवार को बैराज से पानी का डिस्चार्ज बंद कर दिया गया है। यह पानी भिण्ड में गुरुवार तक आ जाएगा। पानी की मात्रा को देखते हुए अटेर कस्बे के लोग अनुमान लगा रहे हैं कि निचले में बसे आधा दर्जन गांवों के पहुंच मार्ग पानी से अवरुद्ध हो जाएंगे।
भिण्ड में 117 मीटर पर बह रही है चंबल
जल संसाधन विभाग के अनुसार भिण्ड में बरही घाट पर बुधवार को नदी 117 मीटर पर बह रही है। कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से नदी का जलस्तर बढकऱ 119.8 0 मीटर तक पहुंच सकता है। जबकि खतरे का निशान 122 मीटर पर है। गत 16 अगस्त एवं 15 सितंबर को गांधी सागर बांध से छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक पानी के कारण अटेर क्षेत्र में दो बार बाढ़ आ चुक ी है, नदी का जलस्तर 128 मीटर तक पहुंच गया था। जिले के 49 तटवर्ती गांवों में बाढ़ से फसलों, धन व पशुओं को नुकसान हुआ था।
मंगलवार को कोटा बैराज से 2.36 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। चंबल का जलस्तर अभी 117 मीटर है, वह बढ़ कर खतरे को अलर्ट करने वाले 119.8 0 मीटर के लेबल तक पहुंच सकता है ।
एचएस शर्मा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग खण्ड भिंड
चंबल में मंगलवार को छोड़े गए पानी से किसी तरह के खतरे की संभावना नही है। फिर भी प्रशासन पूर्ण रूप से अलर्ट है।
अभिषेक चौरसिया एसडीएम अटेर