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Janmashtami 2018 : सालों बाद जन्माष्टमी पर बना है यह योग,इन लोगों के लिए है भाग्यशालीहर कोई इस दिन व्रत रखकर पूजा पाठ में व्यस्त रहेगा। श्रीकृष्ण के जन्म उपरांत नंदोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्म पर बधाई बगैरह का आयोजन भी किया जाएगा। पं. अवध विहारी शास्त्री के अनुसार यदि सूर्य उदय में अष्टमी मुहूर्त मात्र भी हो, उसके बाद नवमी तिथि आ जाए तो उस दिन संपूर्ण अष्टमी मानी जाएगी। यदि मुहुर्त मात्र भी कृष्ण अष्टमी नवमी से युक्त हो तो वही कृष्णा अष्टमी मानी जाएगी।
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लक्ष्मीनारायण, सीताराम, राधाकृष्ण जी को मानने वालों की कृष्ण जन्माष्टमी, पुष्टि मार्गीय, वैष्णवों की, निम्बारकी वैष्णवों की, श्रीरामानुजाचार्य वैष्णवों की शास्त्रानुसार सही कृष्ण जन्माष्टमी तीन सितंबर की है। सिर्फ स्मार्ति व शैव्य संप्रदाय वालों की कृष्ण जन्माष्टमी दो सितंबर की है। वहीं ज्योतिर्विद रमेश चौरसिया के अनुसार कृष्ण की जन्म नगरी मथुरा व आसपास ब्रज चौरासी क्षेत्र में आने वाले सभी जगहों पर जन्माष्टमी तीन सितंबर को मनाई जाएगी।
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