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गिर में 15 दिन में 10 एशियाई शेरों की मौत, फिर भी कूनो को शेर देने को तैयार नहीं गुजरात

locationग्वालियरPublished: Sep 22, 2018 01:00:27 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

गिर में 15 दिन में 10 एशियाई शेरों की मौत, फिर भी कूनो को शेर देने को तैयार नहीं गुजरात

konu palpur

गिर में 15 दिन में 10 एशियाई शेरों की मौत, फिर भी कूनो को शेर देने को तैयार नहीं गुजरात

ग्वालियर/श्योपुर। गुजरात के गिर अभयारण्य में अव्यवस्थाओं के चलते लगातार एशियाई शेर मौत के मुंह में जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके गुजरात अपने अडिय़ल रुख के चलते कूनो को शेर देने में आनाकानी कर रहा है। बताया गया है कि अभी बीते 15 दिन में ही गिर अभयारण्य में 10 एशियाई शेरों की मौत होने की बात कही जा रही है। ऐसे में यदि गिर अभयारण्य में कोई आपदा आई तो ये पूरी एशियाई शेर प्रजापति के लिए घातक होगा।

बताया गया है कि वर्ष 2015 की गणना के मुताबिक गुजरात के गिर अभयारण्य में 523 एशियाई शेर हैं। पूरे देश में यही एकमात्र स्थान है, जहां एशियाई सिंह पाए जाते हैँ, लेकिन गिर अभयारण्य प्रबंधन बढ़ते शेरों के कुनबे को संभाल भी नहीं पा रहा है। यही वजह है कि बीते एक पखवाड़े में 10 शेरों की मौत ने फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पूर्व भी वर्ष 2016 व 2017 में 182 शेरों की मौत हुई थी। बावजूद इसके गुजरात सरकार श्योपुर के कूनो में शेर शिफ्टेशन में लगातार अड़ंगे लगा रहा है। जिसके चलते अब श्योपुर के वन्यजीव प्रेमियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। वन्यजीवप्रेमियों का कहना है कि यदि गुजरात सरकार लगातार अपनी हठधर्मिता दिखाती रही तो कूनो अभयारण्य में शेरों की मांग को लेकर फिर से आंदोलन किया जाएगा।

कूनो में एक साथ सर्वाइव कर सकते हैं 40 शेर
गिर अभयारण्य के एशियाई शेरों के लिए दूसरे घर के रूप में स्थापित कूनो में भले ही अभी महज 6 से 8 शेर देने का ही प्लान हो। लेकिन गिर अभयारण्य के बजाय कूनो शेरों के लिए ज्यादा मुफीद है। ये बात एक्सपर्ट भी बता चुके हैं। विशेष बात यह है कि कूनो में एक साथ 40 शेर सर्वाइव कर सकते हैं। यही नहीं अब कूनो का रकबा बढऩे के बाद तो 8 0 शेर तक रह सकते हैं। यही नहीं कूनो में नीलगाय, चीतल, चिंकारा आदि वन्यजीव भी बहुतायत में जो शेरों केा सर्वाइव करने के लिए काफी हैं।

kuno palpur wild life park
कूनो में शेरों के लिए हम पूर्व में कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन गुजरात और केंद्र सरकार शेर न देने की हठधर्मिता पर अड़ी हैं। जबकि गिर अभयारण्य में अव्यवस्थाओं से शेर लगातार काल के शिकार हो रहे हैं। यदि जल्द ही शेर नहीं आए तो हम फिर आंदोलन करेंगे।
अतुल चौहान, कूनो में शेर लाओ आंदोलन के संयोजक
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