मजदूर इरफान खान एवं शेखू मल निवासीगण मालदा पश्चिम बंगाल अपने अन्य साथियों के साथ सीवरलाइन निर्माण के लिए जेसीबी मशीन द्वारा खोदेे गए करीब 10 फीट गहरे गड्ढे में काम कर रहा था। बताया गया है कि मशीन के धमक से मिट्टी का बड़ा ढेर भरभराकर गड्ढे में गिर गया जिसमें दबने से इरफाान खान की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका दूसरा साथी शेखूमल जिंदगी और मौत के बीच ग्वालियर अस्पताल में सांसे ले रहा है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर काम कर रही जेसीबी मशीन से मिट्टी का ढेर हटाया गया। जब तक दोनों मजदूर युवक बाहर निकले तब तक इरफान की मौत हो चुकी थी जबकि शेखूमल की सांसे चल रहीं थीं।
ठेकेदार ने लांघी अमानवीयता की हदें-
मजदूर इरफान की मौत के बाद उसका शव लावारिश हाल में छोड़ दिया गया। लिहाजा पुलिस इरफान के शव को शवगृह ले गई जहां दोपहर 1 बजे तक उसकी शिनाख्त ही नहीं हो पाई। उधर गंभीर रूप से घायल हुए मजदूर शेखूमल को जिला अस्पताल में भर्ती कराने के बजाए ठेकेदार उसे गोपनीय तरीके से सीधे ग्वालियर ले गए जहां किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवा दिया। घायल मजदूर के साथियों की मानें तो ऐसा इसलिए किया गया ताकि घायल मजदूर से पुलिस पूछताछ न कर पाए और इस बीच ठेकेदार पूरी तरह से अपने झांसे में लेले। बाद में यदि पुलिस पूछे भी तो वह ठेकेदार के माफिक ही बोले।
एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को मिल पाया ठेकेदार का नंबर
थाना प्रभारी सिटी कोतवाली आरएस तोमर के अनुसार मजदूर की मौत के बाद कोई यह बताने वाला नहीं था कि मृतक कौन है और कहां का रहने वाला है। वहीं घायल मजदूर के बारे में भी कोई पता नहीं चल पा रहा था कि उसे कौन ले गया और कहां उसका इलाज चल रहा है। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद कंपनी के आला अधिकारियों से संपर्क होने के उपरांत ठेकेदार का नंबर मिल पाया। ऐसे में पुलिस को केवल मोबाइल पर ही बताया गया कि घायल मजदूर का इलाज ग्वालियर में कराया जा रहा है।
मजदूरों का न पंजीयन कराया और ना ही बीमा, जोखिम में कर रहे मजदूरी
उल्लेखनीय है कि भिण्ड शहर में सीवरलाइन निर्माण कार्य के लिए निर्माण कंपनी के ठेकेदार द्वार स्थानीय स्तर से मजदूर जुटाने के बजाए पश्चिम बंगाल से लाए गए हैं। सीवरलाइन निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की मानें तो 200 से अधिक की संख्या में मजदूरों को भिण्ड लाया गया है। उपरोक्त मजदूरों का न तो श्रम कार्यालय में पंजीयन कराया गया है और ना ही उनका बीमा करवाया गया है। लिहाजा उनकी मौत हो जाने पर उनके परिवार के लिए आर्थिक सहायता की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।
न सिर पर हैलमेट और ना ही पैरों के लिए सुरक्षित जूते व अन्य उपकरण
सीवरलाइन निर्माण कार्य में जितने भी मजदूर काम कर रहे हैं उन्हें ठेकेदार द्वारा न तो सिर की सुरक्षा के लिए हैलमेट दिया गया है और ना ही पैरों के लिए जूते। सुरक्षा के अन्य उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। लिहाजा जान जोखिम में डालकर मजदूर काम कर रहे हैं।
सीवरलाइन निर्माण के दौरान ये हादसे हुए अभी तक-
जांच शुरू की गई मजूदर की मौत के बाद मामले की जांच शुरू की गई है। कथन एवं तथ्य सामने आने के बाद संबंधित के खिलाफ एफआईआर करेंगे।आरएस तोमर, थाना प्रभारी सिटी कोतवाली भिण्ड