वहीं सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसर कैंसर केयर यूनिट पीपी मॉडल के आधर पर बनवाने के प्रयास में जुट गए हैं। पिछले साल स्वीकृत हुआ था प्रस्ताव जयारोग्य अस्पताल परिसर में क्षेत्रीय कैंसर केयर यूनिट बनाने का प्रस्ताव बीते वर्ष स्वीकृत हुआ था। उसके बाद अगस्त 2018 में केंद्र सरकार ने इसके निर्माण के लिए 45 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार की डिमांड पर स्वीकृत की थी, इनमें 22 करोड़ रुपए पहले राज्य सरकार को मिल गए थे, जिसमें भवन बनाने के लिए 7 करोड़ रुपए पीडब्ल्यूडी की पीआइयू शाखा को भी दिए जा चुके थे, कुछ समय पूर्व बाकी राशि भी पीआइयू को मिल गई थी। शेष राशि बाद में मिल गई। पीआइयू ने जयारोग्य अस्पताल के कैंसर विभाग के पास भवन बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन निर्माण अभी केवल 30 प्रतिशत ही हो पाया है, जबकि यह 31 मार्च तक पूरा होना चाहिए।
यह काम होने थे
-45 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट ग्वालियर में क्षेत्रीय कैंसर केयर सेंटर बनाने के लिए था।
-सेंटर बनाने का मकसद कैंसर का बेहतर इलाज उपलब्ध कराना था।
-सीनियर एक्सेलेटर और सिटी सिमुलेटर जैसी मशीनों से कैंसर का सटीक इलाज यहां होना था।
-अगर कैंसर केयर यूनिट शुरू हो जाती है तो पीडि़त मरीजों को दिल्ली मुम्बई या दूसरे बड़े शहरों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
– इस यूनिट के बनने पर जेएएच में सिकाई के लिए वेटिंग भी खत्म हो जाएगी।
गरीबों को इलाज में हो सकती है परेशानी
सूत्रों ने बताया कि कैंसर के मरीजों का इलाज ग्वालियर में हो सके, इस उद्देश्य से पूर्व सरकार के कार्यकाल में कैंसर केयर यूनिट बनाने का निर्णय हुआ था। इसके लिए केंद्र सरकार से राशि भी मिल गई थी, लेकिन समय पर भवन का निर्माण न होने से गरीबों को कैंसर के इलाज के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
अफसर बना रहे नई योजना
सूत्रों का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों की मंशा है कि कैंसर केयर यूनिट पीपी मॉडल पर तैयार कराई जाए। कैंसर केयर यूनिट के साथ पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी भी पीपी मॉडल के आधार पर ही लाना चाहते हैं, इसके लिए अफसर प्रयास कर रहे हैं।
इनका कहना है -फिलहाल कैंसर केयर यूनिट के लिए जो पैसा आया था, उससे कुछ काम हुआ है, लेकिन वह समयावधि में पूरा नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि यूनिट पीपी मॉडल पर बनवाने का उच्च स्तर पर प्रयास चल रहा है।
डॉ.अक्षय निगम, प्रभारी कैंसर विभाग
-कांग्रेस सरकार की मंशा स्पष्ट है कि कोई भी प्रोजेक्ट हो, जिसके लिए जो समयावधि है, उसमें पूरा होना चाहिए, कैंसर केयर यूनिट जल्द बने, गरीबों को उसका लाभ मिले, काम क्यों देरी से हो रहा है, इसकी समीक्षा की जाएगी,जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई कराई जाएगी।
विजय लक्ष्मी साधौ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री मप्र