इस दौरान पार्थिव शरीर 2 से 3 दिन तक घर में रखना पड़ता है। नदी पर पुल-रपटा निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को कई बार आवेदन दिए गए, लेकिन हालात जस के तस हैं।
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क्या कहते हैं सरपंच?
इस मामले में सरपंच फूलवती सरनाम जाटव का कहना है कि, गांव में जहां ज्यादा आबादी है, वहां सरकारी जमीन नहीं है। पटवारी से जगह चिन्हित करने के लिए कहा था, लेकिन कुछ लोगों ने गांव में मुक्तिधाम बनाने पर आपत्ति जताई है। इसलिए अबतक मामला अटका हुआ है।
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क्या कहते हैं एसडीएम?
मामले को लेकर डबरा एसडीएम प्रदीप शर्मा का कहना है कि, पंचायत द्वारा मुक्तिधाम की जमीन के लिए सर्वे किया जा चुका है, बावजूद इसके मुक्तिधाम उचित स्थान पर क्यों नहीं बनवाया गया, इस मामले को दिखवाता हूं। इस संबंध में जनपद सीईओ से बात करके जल्द ही इस समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
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