क्या करू राम मुझे बूढ़ा मिल गया…
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अजय तायल ने तुम्हे याद करते-करते… सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। इसके बाद मिथुन करोसिया ने नैना बरसे… राजेंद्र बोजेवार ने यह जिंदगी उसी की है…, सीमा खंडेलवाल ने क्या करू राम मुझे बूढ़ा मिल गया… पेश किया। स्वाति परमार ने गीत बहारो मेरा जीवन सवारों… ने सभी के दिलों तक दस्तक दी। मंच पर आए बृजेश खरे ने जो हमने दास्तान सुनायी… पेश किया, तो फि ल्म वह कौन थी के गीत बरबस याद हो उठे।
देर रात तक बिखेरा जलवा
इसी क्रम में अक्षय प्रधान, अनूप जैन, पूनम देवनाथ, मनाली देवनाथ, यतीन्द्र जैन, रेखा गोयल, मंगलेश शर्मा, अभिलाषा सक्सेना, नीलू माहेश्वरी, वैशाली धूपर, गोपाल शर्मा ने भी अपने सुरों का जलवा बिखेरा। इस अवसर पर लता मंगेशकर की वर्षगांठ पर केक भी काटा गया। श्यामा म्यूजिकल ग्रुप के संचालक संजय धूपर ने बताया कि 13 अक्टूबर को किशोर कुमार पुण्यतिथि के अवसर पर भी ग्रुप के सदस्यों द्वारा संगीत संध्या ‘एक रास्ता है जिंदगीÓ का आयोजन किया जाएगा।