scriptदोस्तों की हंसी को चैलेंज माना, आज बादाम पर बना देते हैं हूबहू तस्वीर | Laughter of friends is considered a challenge, today let's make a pict | Patrika News

दोस्तों की हंसी को चैलेंज माना, आज बादाम पर बना देते हैं हूबहू तस्वीर

locationग्वालियरPublished: Oct 24, 2020 08:16:40 pm

Submitted by:

Mahesh Gupta

इंटरनेशनल आर्टिस्ट डे आज: अपने हुनर के दम पर पा चुके कई मेडल और अवार्ड

,,

दोस्तों की हंसी को चैलेंज माना, आज बादाम पर बना देते हैं हूबहू तस्वीर,दोस्तों की हंसी को चैलेंज माना, आज बादाम पर बना देते हैं हूबहू तस्वीर,दोस्तों की हंसी को चैलेंज माना, आज बादाम पर बना देते हैं हूबहू तस्वीर

ग्वालियर.
यदि आपके हाथों में हुनर है, तो आपको आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता। लक्ष्य प्राप्त करने में परेशानियां कई आ सकती हैं, डिमोलाइज करने वाले लोग मिल सकते हैं, लेकिन आखिरी जीत आपकी ही होगी। शहर में ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने सपने बुने और उन्हें पूरा किया और आज देशभर में कई अवॉर्ड और मेडल अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने लोगों की हंसी को चैलेंज के रूप में लिया और आगे बढ़ते गए। आज वही हंसने वाले लोग उनसे आगे बढऩे की सलाह लेते हैं। इंटरनेशनल आर्टिस्ट डे के अवसर पर हम आपको कुछ ऐसे ही कलाकारों से परिचित करा रहे हैं।

बादाम के बाद अब चावल पर पोट्रेट बनाने की तैयारी
सन् 2009 में मैं कैनवास पर पेंटिंग करता था। एक बार घर पर फैमिली के साथ बैठा था। सामने ड्राई फ्रूट्स रखे थे। मेरी दीदी ने कहा कि तुम बादाम पर पोट्रेट बनाओ। उस दिन मैंने ट्राई किया, लेकिन सफल नहीं हुआ। छह महीने में कुछ-कुछ करने लग गया। मैंने हार नहीं मानी और बार-बार प्रयास करता रहा और दो साल में परफेक्ट हो गया। आज तक मैं कई सेलिब्रिटी का पोट्रेट बादाम में उकेर चुका हूं। अब मुझे पोट्रेट तैयार करने में महज दो घंटे का समय लगता है। वहीं सिम्पल पोट्रेट में एक घंटा। अब बादाम के बाद मुझे चावल के दाने पर पोट्रेट तैयार करना है। यह काम मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं। मैं अभी तक उज्जैन, हरयाणा, जयपुर, दिल्ली और ग्वालियर में कई अवार्ड अपने नाम कर चुका हूं।
हितेन्द्र शाक्य, आर्टिस्ट

मेरी बनाई पोट्रेट सेलिब्रिटीज ने अपने पेज पर की अपलोड
एक साल की उम्र में मेरा एक पैर खराब हो गया। मेरे दोस्त साथ खेलते नहीं थे। बचपन से पेंटिंग का शौक था, मैं जब पेंटिंग बनाता तो वे मेरा मजाक उड़ाते। लेकिन मैंने इन सब पर ध्यान नहीं दिया। पॉलीटेक्निक मैंने अपनी मां के कहने से किया, लेकिन जब उन्हें मेरा रुझान समझ आया, तो मैंने एमएफए किया। आज मैं पोट्रेट बनाने के साथ ही साड़ी, सूट में पेंटिंग करता हूं। किसी का भी पेट्रेट बनाने में मुझे डेढ़ घंटे का समय लगता है। मैंने कई सेलिब्रिटी की पोट्रेट बनाकर उन्हें दी है। मेरी पेंटिंग को उन्होंने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया और मुझे थैंक्स लिखा। अभी तक मुझे ग्वालियर के साथ ही कई मेट्रो सिटीज में अवार्ड मिल चुके हैं।
हेमंत रोजिया, आर्टिस्ट

डिजिटल म्यूजियम में बनाई चितेरा आर्ट व रागमाला पेंटिंग
बचपन में मैं पापा को पेपरमैशी को विभिन्न आकार देते देखा करता था। मैंने भी शौक-शौक में शुरू कर दिया और इसे कब मैंने अपना कॅरियर बना लिया, पता ही नहीं चला। आज मैं पेपरमैशी के साथ ही अन्य विधाओं पर भी वर्क कर रहा हूं। हाल ही में मैंने गोरखी में बने डिजिटल म्यूजियम में पेंटिंग बनाई है। यह हमारा पूरा टीम वर्क रहा। मैंने म्यूजियम में चितेरा आर्ट, रागमाला की पेंटिंग और मॉन्युमेंट्स की कलरफुल स्केच बनाए हैं। इस वर्क में पूरा एक माह का समय लगा। जब मुझे यह काम मिला तो मैंने इस वर्क पर और अधिक स्टडी की और इसे थोड़ा मॉडर्न टच दिया।
वीरेन्द्र सिंह नागवंशी, आॢटस्ट

ट्रेंडिंग वीडियो