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फिर टूटा रिकॉर्ड, 46.20 पर पहुंचा तापमान, मौसम विभाग ने भी दिए ये बड़े संकेत गौरतलब है की भगवान महाकाल को ठंडाई पसंद है। लक्ष्मी नारायण जी के रूप में महाकाल के दर्शन हुए थे तो ठंडाई का भोग लगाया गया था। बाबा महाराज ने बताया की आज उज्जैन के महाकाल को कुछ समय के लिए आमंत्रित किया गया था फिर सभी आचार्य के साथ अभिषेक किया गया। यह भी पढ़ें
कॉलेज संचालकों की नैक की नई गाइड लाइन ने उड़ाई नींद,ये है नया नियम जिसमे पहले प्रभु के शरीर पर भांग का लेप बाबा महाराज ने लगाया गया। उसके बाद काजू पिस्ता बादाम लगाकर तुलसी और गंगाजल मिलाकर गंगासागर से धारा प्रभु पर डाली गई यह भी पढ़ें
breaking : ग्वालियर-भिण्ड में हुई बारिश,ओले भी गिरे, लोगों को भीषण गर्मी से मिली राहत ठंडाई की धारा से प्रभु का अभिषेक हुआ और उज्जैन से बाबा महाकाल को वापस जाने का आग्रह किआ गया। इसके पश्चात उन पर चढ़ाया गया प्रसाद सभी को वितरित किया गया। यह भी पढ़ें
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भागवत कथा के श्रवण से ही जीवन होता है धन्यछत्रीमंडी स्थित देववन गार्डन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पं गिरराज शरण शर्मा ने कहा कि दीन, हीन दुराचारी , प्रतीत व्यक्ति भी रामनाम एवं उनके चरित को श्रवण कर पुण्यवान हो सकता है। कथा मानव जीवन को धन्य करने का सरल एवं सुलभ साधन है। कथा के श्रवण से ही जीवन धन्य होता है। उन्होंने कहा के राजनैतिक एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान श्रीरामचरित के अनुकरण से ही संभव है।
आज सामाजिक समस्याओं का केवल ढोल पीटकर समरसता बनाने के स्थान पर बिगाड़ा जा रहा है। जबकि श्रीराम चक्रवती सम्राट दशरथ बेरों के स्वाद की जहां जाते मधुर प्रशंसा करते थे। अर्थात प्रदर्शन एवं स्वार्थ की राजनीति से बैराग लेकर श्रीराम के अनुसारव व्यवहार करे तथा श्रीराम का दर्शन एवं कथा से अनुराग करे, देश में व्याफ्त समस्याएं दूर होने में देर नहीं लगेगी।