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जानें…क्यों चल रही है मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स की जांच

locationग्वालियरPublished: Dec 13, 2019 07:25:23 pm

जीवाजी विश्वविद्यालय में जिस मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स का उद्घाटन 18 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कराए जाने की तैयारी की जा रही है, उसके निर्माण में आर्थिक अनियमितताओं की जांच चल रही है।

जानें...क्यों चल रही है मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स की जांच

जानें…क्यों चल रही है मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स की जांच

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में जिस मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स का उद्घाटन 18 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कराए जाने की तैयारी की जा रही है, उसके निर्माण में आर्थिक अनियमितताओं की जांच चल रही है। इसके बावजूद इसकी तमाम कमियों पर पर्दा डालकर उद्घाटन कराने के लिए चमकाया जा रहा है। प्रशासन भी राष्ट्रपति के संभावित दौरे को ध्यान में रख सभी कमियों को पूरा कराने के लिए मॉनिटरिंग कर रहा है।
शहर के इजराइल खान और धर्मेन्द्र सिंह ने प्रदेश सरकार से 10 बिंदुओं की शिकायत की थी। इसमें वर्ष 2015 से 2017 की ऑडिट आपत्ति की कंडिका एवं अन्य शिकायतों को संलग्न किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग ने इनकी जांच सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश और ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य डॉ.अनिल पारे से कराने का निर्णय लिया, जिस पर अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने 30 अक्टूबर को पत्र जारी किया था।
14 से 24 करोड़ हो गई लागत: जेयू परिसर में 2014 में लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत से बनना शुरू हुए मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स की लागत धीरे-धीरे 24 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। इसके बावजूद यह पूरा नहीं हो पाया है।
यह शिकायतें
– वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बिना ग्रांट मद, फीस राशि, भवन निर्माण खर्च में अनियमितताओं की प्रदेश सरकार से शिकायत हुई थी।
– पूर्व ईसी मेंबर अजित भदौरिया ने भी विवि में आर्थिक अनियमितताओं, नियम विरुद्ध नियुक्तियों और मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स एवं स्वीमिंग पूल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
इन पर सवाल
जेयू के वित्त नियंत्रक ने कुलपति की शिकायत पत्र के जरिए 10 जनवरी-2018 को की थी।
रूसा के मद से बनाई गई लैब में करोड़ों के उपकरण खरीदे गए, इनमें अधिकतर लोकल वेंडर से ज्यादा दामों में खरीदे गए हैं।
मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स में ध्वनि प्रसारण के लिए लोकल वेंडर्स से खरीद की है, जबकि सीधे कंपनी से की जाती तो बचत हो सकती थी।
शिकायत के बाद नहीं आया कोई बदलाव
-जीवाजी विश्वविद्यालय में बन रहे मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स और स्वीमिंग पूल सहित अन्य अनियमितताओं को लेकर हमने शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया। अगर निष्पक्ष जांच हो जाए तो बहुत बड़ा गोलमाल उजागर हो सकता है।
अजीत भदौरिया, पूर्व ईसी मेंबर
-जिस काम की जांच चल रही हो, जिसकी गुणवत्ता में समझौता किया गया हो, आर्थिक अनियमितताएं हुई हों, जिसकी जांच सेवानिवृत न्यायाधीश कर रहे हैं, उसका उद्घाटन बेमानी है, यह राष्ट्रपति की भी अवमानना है और चांसलर की भी अवमानना है।
डॉ. एपीएस चौहान, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग
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