बिजली की खपत में कमी लाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने उजाला योजना की शुरुआत की थी। प्रदेश में भी योजना का संचालन किया जा रहा है, इसके तहत बिजली विभाग द्वारा 9 वाट के एलईडी बल्ब उपभोक्ताओं को बेचे जाते हैं। इन बल्बों की तीन साल की गारंटी भी दी जाती है, लेकिन क्वालिटी खराब होने के कारण यह जल्दी खराब हो जाते हैं। सैकड़ों उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके बल्ब महज एक महीने के अंदर ही खराब हो गए, इन्हें लेकर जब वह बदलने के लिए संबंधित दुकान पर पहुंचे तो कहा गया कि बल्ब स्टॉक में नहीं हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को बल्ब बदलने के लिए कई दिनों तक भटकना पड़ता है। जब नए बल्ब लेते हैं तो वह मिल जाते हैं, लेकिन खराब बल्ब बदलने के लिए आनाकानी की जाती है।
शासन ने स्कीम के तहत 9 वाट के बल्ब बेचे जा रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनी के दफ्तर के बाहर लगे स्टॉल पर यह लोग शासन द्वारा निर्धारित कंपनी के अलावा भी कई कंपनियों के बल्ब बेच रहे हैं। अधिकांश समय इन लोगों के पास शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बल्ब नहीं रहते हैं और ये दूसरी कंपनियों के महंगे बल्ब बेच देते हैं। इसके साथ ही अन्य सामान भी यहां से बेचा जाता है, जो सामान मिलता है उस पर गारंटी भी नहीं दी जाती है।
बदलने में करते हैं आनाकानी उजाला योजना के तहत जो बल्ब उपलब्ध कराए जा रहे हैं वह बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। जब बदलने के लिए लोग पहुंचते हैं तो उन्हें अक्सर यह कहकर टाल दिया जाता है कि स्टॉक नहीं है, जबकि कई बार ऐसा हुआ है कि कोई ग्राहक नया बल्ब लेने पहुंचता है तो उसे बल्ब दे दिया जाता है लेकिन खराब बल्ब बदलने के लिए स्टॉक न होने की बात कही जाती है।