जीवन सूत्र है कल्प सूत्र
ग्वालियरPublished: Aug 16, 2023 10:20:29 pm
- चांदी की पालकी में निकाली गई कल्पसूत्र शोभायात्रा


जीवन सूत्र है कल्प सूत्र
ग्वालियर. पर्युषण पर्व का चौथे दिन उपाश्रय भवन सराफा बाजार में बड़ी संख्या में साधक मौजूद थे। प्रवचनों से पूर्व सुबह चांदी की पालकी में महान ग्रंथ कल्पसूत्र को रखकर शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में श्रीसंघ के अधिकांश सदस्य शामिल हुए एवं नृत्य करने के साथ-साथ जयकारे लगाते हुए चले। मार्ग में पडऩे वाले जैन श्रावकों के घर के सामने उन्होंने कल्पसूत्र के आगे अक्षत से गवली की, श्रीफल एवं चढ़ावा चढ़ाकर लाभ लिया। सराफा मंदिर से प्रारंभ यह शोभायात्रा डीडवाना ओली, नई सडक़, दानाओली, मोर बाजार, महाराज बाड़ा होते हुये उपाश्रय भवन पहुंची। जहां पारसमल संजीव पारख परिवार ने कल्पसूत्र को नलखेड़ा से आए गौरव बम को वैराया। तत्पश्चात श्रीसंघ के सदस्यों ने वासक्षेप से कल्पसूत्र की पूजा की। गौरव बम ने नवकार मंत्र का जाप कर कल्पसूत्र का वाचन करते हुए कहा कि कल्पसूत्र जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण शास्त्र है, जिसे वर्षों पहले आचार्य भद्रबाहु स्वामी ने प्राकृत भाषा में लिखा था। इसमें जैन तीर्थंकर भगवानों के जीवन चरित्र का वर्णन के साथ श्रावक-श्राविकाओं की पवित्र जीवन शैली का निर्देशन दिया गया है। आज के इस वैज्ञानिक युग में कल्पसूत्र सच्चे मायनों में जीवन शैली का परिचय करवाता है। इस ग्रंथ के मूल सूत्रों का वाचन केवल जैन साधु-साध्वियां कर सकती हैं।