यहां की दुकानें बची : किलागेट, स्टेशन रोड, मुरार, हजीरा चौक, कुम्हरपुरा, शिंदे की छावनी, ठाकुर बाबा रोड, पिछोर तिराहा, चिरवाई नाका, भितरवार, टेकनपुर, रमपुरा। सरकार खुद चला सकती है शराब दुकानें
अब जिन नए ठेकेदारों ने दुकानों को खरीदा है वे एक अप्रैल से दुकानें शुरू करेंगे, लेकिन स्थिति यह है कि आधी दुकानें किसी ने ली नहीं है, इसलिए अब सरकार ने अंदर ही अंदर खुद शराब दुकानों को चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी संभागों में आबकारी अधिकारियों को तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए है और 31 मार्च तक सभी स्टॉक क्लीयर करने को कहा है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियां करने पर विचार
यदि एक अप्रैल से सरकार को खुद शराब बेचना पड़ी तो सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की आएगी। क्योंकि आबकारी विभाग खुद ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इसलिए इस संबंध में भी निर्देश जारी किए गए है कि यदि सरकार शराब बेचेगी तो आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियों की तैयारी रखें।
अब जिन नए ठेकेदारों ने दुकानों को खरीदा है वे एक अप्रैल से दुकानें शुरू करेंगे, लेकिन स्थिति यह है कि आधी दुकानें किसी ने ली नहीं है, इसलिए अब सरकार ने अंदर ही अंदर खुद शराब दुकानों को चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी संभागों में आबकारी अधिकारियों को तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए है और 31 मार्च तक सभी स्टॉक क्लीयर करने को कहा है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियां करने पर विचार
यदि एक अप्रैल से सरकार को खुद शराब बेचना पड़ी तो सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की आएगी। क्योंकि आबकारी विभाग खुद ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इसलिए इस संबंध में भी निर्देश जारी किए गए है कि यदि सरकार शराब बेचेगी तो आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियों की तैयारी रखें।