ग्वालियर

नगर निगम ने हाईकोर्ट में पेश की 375 कोचिंग सेंटर की सूची, लेकिन स्थिति कैसी है यह नहीं बताया

शहर के कोचिंग सेंटरों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश दिए जाने के निवेदन के साथ प्रस्तुत जनहित याचिका पर नगर निगम ने अपना जवाब प्रस्तुत कर शहर में संचालित 375 कोचिंग सेंटरों की सूची प्रस्तुत की है,

ग्वालियरJun 18, 2019 / 01:17 am

Rahul rai

नगर निगम ने हाईकोर्ट में पेश की 375 कोचिंग सेंटर की सूची, लेकिन स्थिति कैसी है यह नहीं बताया

ग्वालियर। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले सूरत के कोचिंग सेंटर के भीषण अग्निकांड के बाद शहर के कोचिंग सेंटरों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश दिए जाने के निवेदन के साथ प्रस्तुत जनहित याचिका पर नगर निगम ने अपना जवाब प्रस्तुत कर शहर में संचालित 375 कोचिंग सेंटरों की सूची प्रस्तुत की है, लेकिन इनकी स्थिति कैसी है, इस संबंध में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
 

उच्च न्यायालय ने निगम को निर्देश दिए थे कि शहर के सभी कोचिंग सेंटर, अस्पताल तथा व्यावसायिक भवनों की सूची प्रस्तुत की जाए। इस पर नगर निगम के अधिवक्ता दीपक खोत ने यह सूची प्रस्तुत की है। सूची नगर निगम के जोन स्तर पर दी गई है। किस जोन में कितने व्यावसायिक भवन और कितने हॉस्पिटल तथा कोचिंग सेंटर हैं, उन सभी का उल्लेख सूची में किया गया है। नगर निगम के अनुसार शहर में 230 व्यावसायिक भवन व 175 अस्पताल हैं।
 

पांच जोन में न अस्पताल, न कोचिंग सेंटर
नगर निगम द्वारा प्रस्तुत की गई सूची में शहर के 25 जोन में जोन क्रमांक 1, 4, 22, 23 एवं 25 में न तो व्यावसायिक भवन है, न ही यहां हॉस्पिटल हैं, न ही कोचिंग सेंटर संचालित हैं। सबसे ज्यादा कोचिंग जोन क्रमांक-6 में हैं, वहीं सबसे ज्यादा व्यावसायिक भवन 112 जोन क्रमांक-5 में हैं। सबसे ज्यादा 34 अस्पताल जोन क्रमांक-12 में हैं। शहर में अस्पताल एवं व्यावसायिक भवनों से ज्यादा कोचिंग सेंटर हैं।
 

कोचिंग सेंटरों में नहीं है कोई प्रबंध
याचिका में कहा गया है कि शहर के अधिकांश कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जहां किसी हादसे से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं है। सूरत में हुई घटना के बाद जिला प्रशासन ने इन सेंटरों का निरीक्षण भी किया था और उन्हें हिदायत भी दी थी कि सुरक्षा प्रबंध किए जाएं, लेकिन इसके बाद भी हालात वैसे ही बने हुए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि शहर के कई निजी अस्पतालों की स्थिति भी अत्यंत खराब है। कुछ अस्पतालों में तलघर भी हैं, अस्पताल रोड पर बने निजी अस्पतालों में से एकाध ही अस्पताल ऐसा है जहां खुद की पार्किंग है। यह पूरा मार्ग निजी अस्पतालों की पार्किंग बन गया है। नगर निगम या जिला प्रशासन द्वारा अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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