जिला अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। यहां से ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने एक महिला मरीज को बिना डिस्चार्ज स्लिप के ही परिजन के साथ घर भेज दिया। प्रसूतिग्रह में मरीजों के अटैंडर खुले में बैठे थे। यह ििसति तब है जबकि अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 25 लाख रुपए से काम कराए जा रहे हैं। इस हॉस्पिटल में रैन बसेरा होने के बाद भी अटैंडरों को रुकने की व्यवस्था नहीं हो पाया है।
उपनगर ग्वालियर
सिविल अस्पताल हजीरा
-उप नगर ग्वालियर के लगभग दो लाख लोगों के इलाज का सहारा सिविल अस्पताल हजीरा में रात को ताले लग जाते हैं। अस्पताल में रात 1.20 बजे अंदर से ताला लगा था, चैनल हिलाने पर भी कोई नहीं आया। अगर किसी की तबियत आकस्मिक रूप से खराब हो जाए तो डॉक्टर या सहायक स्टाफ की तलाश में घंटों इंतजार करना पड़ सकता है। पहले भाजपा और अब कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की विधानसभा में मौजूद इस अस्पताल में मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं अभी तक नहीं हो पाई हैं।
बिरलानगर प्रसूति ग्रह
-उपनगर की महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव के साधन के रूप में स्थापित किए गए बिरलानगर प्रसूति ग्रह में भी रात के समय अस्पताल अव्यवस्थाओं का शिकार हो जाता है। 1.50 बजे प्रसूति ग्रह में अंदर से बंद था। सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड मौजूद नहीं था।
उपनगर मुरार
मुरार प्रसूति ग्रह
-आसपास के 20 से अधिक गांव और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा प्रदान करने वाला यह बड़ा केन्द्र है। रात 2.10 बजे प्रसूति ग्रह के रिसेप्शन पर एक ऑपरेटर बैठा था। यहां की सुविधाएं गरीब और गांव के परिवारों के मुताबिक नहीं हो पाई हैं। वर्तमान में यहां प्रसूतिग्रह के वार्ड की छत पर एक और वार्ड बनाया जा रहा है, लेकिन व्यवस्थाएं अभी भी बेहतर नहीं हो पाई हैं। प्रसूतिग्रह के बाहर प्रसूताओं के साथ आए अटैंडर बाहर खुले में कंबल ओढकऱ बैठे थे।
जिला अस्पताल
-सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जयारोग्य चिकित्सालय के बाद आमजन के लिए सबसे बड़ा सहारा जिला अस्पताल ही है। यहां रात 2.35 बजे सन्नाटा पसरा था,किसी के भी आने जाने पर कोई रोकटोक नहीं थी। अस्पताल के रिसेप्शन से लेकर अंदर वार्ड तक एक भी ड्यूटी डॉक्टर नजर नहीं आया। अंदर वार्ड में एक नर्स ने डिस्चार्ज स्लिप सुबह देने की कहकर बिना पर्चे के ही एक 18 वर्षीय युवती को परिजन के साथ घर भेज दिया। नर्स ने महिला मरीज को ले जाने वाले दोनों युवकों से पूछताछ तक नहीं की।