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लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया और इस दिग्गज नेता में हुई बातचीत,समर्थकों में खुशी की लहर

locationग्वालियरPublished: Apr 03, 2019 05:59:41 pm

Submitted by:

monu sahu

लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया और इस दिग्गज नेता में हुई बातचीत,समर्थकों में खुशी की लहर

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लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया और इस दिग्गज नेता में हुई बातचीत,समर्थकों में खुशी की लहर

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है,लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दल (भाजपा और कांग्रेस) को अपना प्रत्याशी तय करने में पसीने छूट रहे हैं। हालांकि जानकार उम्मीदवार तय करने में देरी की वजह रणनीति बता रहे हैं,लेकिन माना यह जा रहा है कि आमराय नहीं बन पा रही है। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया व अग्रवाल महासभा के संरक्षक और उद्योगपति रमेशचंद्र गर्ग के बीच शताब्दी में मेल-मुलाकात के दौर से तमाम कयास शुरू हो गए हैं। कांग्रेस से फिलहाल आधा दर्जन दावेदर टिकट की कतार में हैं। अब तक का जो निचोड़ा सामने आया है उसमें पिछड़ा वर्ग के बीच पेंच फंस गया है।
सूत्रों के अनुसार सिंधिया खेमे से रामनिवास रावत का नाम पिछड़ा वर्ग से सबसे ऊपर है। यदि वैश्य वर्ग से कांग्रेस टिकट पर विचार करती है तो इसमें रमेश गर्ग का पलड़ा भारी पड़ सकता है। हालांकि जौरा से कैलाश मित्तल का नाम भी वैश्य वर्ग से टिकट के दावेदारों में है। मंगलवार को गर्ग के मुरैना आने की खबर थी और समर्थक यह मानकर चल रहे थे कि वे टिकट लेकर ही मुरैना आएंगे। लेकिन शताब्दी से आए तो लेकर मुरैना तक अलग-अलग कोच में। मुरैना में समर्थकों ने उनका स्वागत किया और वे उतरकर सिंधिया के कोच में घुस गए। इससे माना जा रहा है कि राजनीति को लेकर कुछ विशेष चर्चा दोनों के बीच हो सकती है।
ब्राह्मण वर्ग को टिकट पर आमराय बनती है तो सिंधिया के राजनीतिक सलाहकार पुरुषोत्तम पाराशर और बसपा छोडकऱ कांग्रेस में आए पूर्व विधायक दिमनी बलवीर सिंह डंडोतिया का नाम भी आगे आ सकता है। यदि क्षत्रिय वर्ग से टिकट की स्थिति बनती है तो रविंद्र सिंह तोमर भिड़ोसा प्रबल दावेदार हैं। उनके समर्थकों में विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से गुस्सा था और इस चुनाव में भी जातीय समीकरण के आधार पर उन्हें पिछड़ता देखा जा रहा है। खबर यह भी है कि भिण्ड से विधानसभा चुनाव भारी मतों के अंतर से बसपा से हार चुके पूर्व मंत्री चौ. राकेश सिंह भी टिकट के लिए जोड़तोड़ लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
वहीं भाजपा विधानसभा चुनाव का हश्र देखकर उनसे किनारा करती दिख रही है। लेकिन कांग्रेस के दावेदारों में एक नाम प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय सिंह का नाम भी आया है। उनके लिए प्रभारी मंत्री के अलावा जिले से सुमावली विधायक ऐंदल सिंह कंषाना,सबलगढ़ से बैजनाथ कुशवाह और श्योपुर से बाबू जंडेल सिंह साथ आ गए हैं। इसके अलावा पूर्व सांसद बाबूलाल सोलंकी, सबलगढ़ के पूर्व विधायक बूंदीलाल रावत,किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष भगवान सिंह तोमर,नपा के पूर्व उपाध्यक्ष प्रबलप्रताप सिंह मावाई, जिपं के पूर्व अध्यक्ष राकेश यादव और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वय दीपक शर्मा भी पैरवी कर रहे हैं।
इस गुट में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के समर्थक विधायक,पूर्व विधायक,पूर्व सांसद आदि शामिल हैं। बताया गया है कि प्रदेश में एक टिकट युवा कांग्रेस के कोटे में देने की तैयारी है,इसलिए संजय यादव का नाम सामने आ गया है। यादव युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव हैं। हालांकि कांग्रेस के ही एक बड़े पदाधिकारी का कहना है कि वे बाहरी भी हैं।
भाजपा में भी असमंजस के हालात
भारतीय जनता पार्टी भी टिकट पर असमंजस की स्थिति में है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम घोषित होने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भोपाल भी जा सकते हैं। ऐसे में मुरैना से ब्राह्मण वर्ग से प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा,वेदप्रकाश शर्मा के नाम आगे आ सकते हैं। वहीं क्षत्रिय वर्ग में विकल्प के तौर पर टिकट देना तय हुआ तो पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार का नाम आगे आ सकता है।
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