गिट्टी के डंपर बिना कार्रवाई के निकालने पर, महीना देना हुआ था फिक्स, पूर्व में भी टीआईके सामने डंपर छोडऩे की एवज में पीडि़त दे चुका था 31 हजार
Lokayukt team
ग्वालियर। लोकायुक्त पुलिस ने पिछोर थाने में इस वर्ष की पहली कार्रवाई करते हुए हवलदार को 16 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप कर लिया। हवलदार क्रेशर संचालक से उनके क्षेत्र से डंपर निकालने की एवज में यह रिश्वत ले रहा था। बताया जा रहा है कि हर माह 16 हजार रूपए देना तय हुए थे, जिसके क्रम में सोमवार को यह रिश्वत हवलदार ने ली। इससे पूर्व भी पीडि़त थाने में टीआई के सामने ही तीन बार में 31 हजार रुपए हवलदार को दे चुका था। खास बात यह है कि लोकायुक्त पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कहते हुए टीआई को फिलहाल इस कार्रवाई की जद में नहीं लिया, जबकि थाने में जब हवलदार की रिकॉर्डिंग हुई थी, तब टीआई ने भी पैसे के लेनदेन की बात की थी।
डबरा ग्वालियर निवासी सतीश (50) पुत्र डब्बूराम गुप्ता का पिछोर में दतिया-दिनारा रोड पर जय मैय्यर माता उद्योग स्टोन क्रेशर नाम से फर्म है। यहां से सतीश पूरे क्षेत्र में गिट्टी की सप्लाई करते हैं। सतीश के पिछोर थाना पुलिस ने एक माह पूर्व तीन बार डंपर पकड़े, जिसके एवज में हवलदार राजेश (58)पुत्र भगवान लाल पाराशर ने टीआई धर्मेन्द्र यादव के कहने पर उनके सामने ही 15, 10 व 6 हजार रुपए लिए।
इसके बाद हर माह 16 हजार रूपए देना इस शर्त पर तय हुआ, कि पुलिस कोई डंपर नहीं पकड़ेगी। इस मामले में सतीश ने 5 दिसम्बर 2017 को ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 6 दिसम्बर को लोकायुक्त आरक्षक सतीश के साथ पिछोर थाने आया और टीआई के सामने ही हवलदार राजेश से हर माह पैसे की लेनदेन की बात की। इसमें टीआई यादव भी सतीश से पैसे मांग रहे थे और न देने पर कार्रवाई की धमकी दे रहे थे। यह पूरी बातचीत लोकायुक्त के पास रिकॉर्ड है। बाद में लोकायुक्त पुलिस ने टेप रिकॉर्डिंग के आधार पर हवलदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया जबकि टीआई को इस कार्रवाई से दूर रखा गया।
चूंकि हर माह की 5 तारीख को 16 हजार रुपए प्रतिमाह देने की बात हुई थी, लेकिन 5 जनवरी को हवलदार कोलारस में ड्यूटी पर था, इसलिए सोमवार को सुबह हवलदार राजेश ने सतीश को फोन लगाकर पैसे की मांग की और इस पर से सतीश ने लोकायुक्त को सूचना दी। फिर योजनाबद्ध तरीके से पिछोर में थाने के सामने ही चाय की दुकान पर दोपहर 2 बजे हवलदार राजेश को सतीश से 16 हजार रुपए लेते हुए दबोच लिया। कार्रवाई के दौरान हवलदार पाराशर ने कहा कि पैसा हम अकेले ही नहीं लेते, बड़े अधिकारी हमेशा बच जाते हैं और फंस हम छोटे कर्मचारी जाते हैं। पुलिस ने आरोपी हवलदार के खिलाफ कार्रवाई कर उसे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया। मामले में टीआई धर्मेन्द्र यादव से भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होने फोन काटने के बाद नंबर बंद कर लिया।
“टीआई धर्मेन्द्र यादव व हवलदार पाराशर दोनों ने मुझसे हर माह 16 हजार रुपए की मांग की थी। यह बातचीत लोकायुक्त के पास भी रिकॉर्ड में है। पुलिस का कहना है कि आगे जांच में टीआई के खिलाफ कार्रवाई होगी।” सतीश गुप्ता, फरियादी
“अभी हवलदार को रंगे हाथों ट्रेप किया गया है। थाने के 3 अधिकारियों व कर्मचारियों के भी नाम व कुछ साक्ष्य सामने आए है। जांच के बाद उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अभी किसी का नाम नहीं बताया जा सकता।” मनीष शर्मा निरीक्षक, लोकायुक्त ग्वालियर