भगवानी के घर में लगे थे पांच लाख के पर्दे और झूमर
लगभग 30 हजार रुपए मासिक वेतन पाने वाला भू-अभिलेख विभाग का तृतीय श्रेणी कर्मचारी संजय भगवानी द्वारिकापुरी के जिस मकान में रहता है, उसमें लगे पर्दों की कीमत ही पांच लाख रुपए बताई गई है,जबकि बाथरूम में स्टीम बाथ सहित घर में विलासिता के सभी साधन मिले हैं। द्वारिकापुरी में जिस मकान में वह रहता है, उसकी कीमत ही एक करोड़ से अधिक बताई गई है। यहां उसने 29 लाख में प्लॉट खरीदा था,जिस पर मकान बनाया है। घर की साज सज्जा में कीमती झूमर व अन्य सामान लगाया गया था। घर की हर दीवार सजी हुई थी। छत पर पानी के शुद्धिकरण के लिए प्लांट भी लगा था।
द्वारिकापुरी के जिस मकान में छापामार कार्रवाई की जा रही थी उसमें संजय भगवानी ने मीडिया को नहीं जाने दिया। उसने कार्रवाई के संबंध में कुछ बोलने से भी इंकार कर दिया।
टीम आने पर पानी की टंकी में छिपा दिए थे गहने
सुबह तडक़े पांच बजे डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस की टीम संजय भगवानी के निवास 91-द्वारिकापुरी पर पहुंची। घर की घंटी बजाई तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया। कई बार घंटी बजाकर उन्हें बताया गया कि लोकायुक्त पुलिस की टीम आई है। लगभग पौन घंटे बाद दरवाजा खोला गया। टीम अंदर दाखिल हुई तो साफ-सुथरे घर में मिट्टी के पैर के निशान देखकर कुछ शंका हुई कि गेट खोलने में जो विलंब किया गया है उसके बीच कुछ हुआ है। टीम पैरों के निशानों के सहारे छत पर पानी की टंकी तक पहुंची और जैसे ही टंकी का ढक्कन खोला तो उसमें ज्वैलरी निकली। टीम के आने पर 7 लाख के जेवर पोटली में बांधकर छिपाए गए थे, उन्हें पुलिस ने टंकी से बरामद कर लिया।
police raid ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/08/02/2gwl_60_4923875-m.jpg”> बताया आर्टिफिशियल ज्वैलरी, 7 लाख की निकली
द्वारिकापुरी में श्रुति अपार्टमेंट में भगवानी के साले गौरव सचदेव उर्फ प्रदीप सचदेवा के निवास पर इंस्पेक्टर कविन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की। यहां तथा दूसरे मकान में मिली ज्वैलरी को परिवार वाले आर्टिफिशियल बता रहे थे, लेकिन जब लोकायुक्त पुलिस द्वारा बुलाए गए सुनार ने जांच की तो यह 7 लाख की असली ज्वैलरी निकली।
इंस्पेक्टर पीके चतुर्वेदी के नेतृत्व में तीसरी टीम गांधीनगर स्थित आवास पर पहुंची। यह भगवानी का पैतृक निवास भी है,लेकिन वह यहां नहीं रहता है। इस घर से ही तीन साल पहले ढाई करोड़ कैश चोरी हुआ था,लेकिन शुक्रवार को यहां पहुंची टीम को कुछ नहीं मिला। घर की तलाशी में सोफा सेट आदि सामान ही मिला। यह मकान बंद रहता था। वैसे भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा आय से अधिक संपत्ति की जो जांच की जा रही थी उसके चलते आरोपी के यहां से नकदी मिलने की संभावना कम ही थी। जब भगवानी के आसपास के एक दो लोगों से चर्चा हुई तो उनका कहना था कि इतनी देर से कार्रवाई का क्या फायदा,यह कार्रवाई तो पहले होनी चाहिए थी।
छापामार कार्रवाई के लिए टीम अपने साथ एंबुलेंस और एक डॉक्टर भी लेकर गई थी। इसके अलावा पुलिस बल भी मौजूद रहा। जांच की जा रही है
भगवानी के यहां मिली संपत्ति की जांच की जा रही है। इसके बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकेगा।
संजीव कुमार सिंहा,एसपी लोकायुक्त ग्वालियर