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एनएचएम के 20 हजार संविदा कर्मचारियों को मिल रहा कम वेतन, जानिए क्या है मामला

locationग्वालियरPublished: Feb 11, 2019 07:29:05 pm

Submitted by:

Rahul rai

सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2018 को संविदा नीति का निर्धारण किया था, जिसे तत्कालीन भाजपा सरकार की कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी। जिसके अनुसार प्रदेश की समस्त योजनाओं और विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा

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एनएचएम के 20 हजार संविदा कर्मचारियों को मिल रहा कम वेतन, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रदेश में 20 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी पदस्थ हैं, जो कुछ वरिष्ठ अफसरों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं। उन्हें नियमित कर्मचारियों के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन नहीं मिल पा रहा है। पिछली सरकार ने कैबिनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पास किया था, जो अधिकतर विभागों में अमल में आ गया है, नई सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी देना चाहते हैं, लेकिन एनएचएम से जुड़े कुछ अधिकारी रोड़ा अटका रहे हैं, इससे एनएचएम में यह लागू नहीं हो पा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2018 को संविदा नीति का निर्धारण किया था, जिसे तत्कालीन भाजपा सरकार की कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी। जिसके अनुसार प्रदेश की समस्त योजनाओं और विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा। इस आदेश के बाद एनएचएम के 20 हजार संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मी के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन मिलने की उम्मीद जगी थी।
इन विभागों में हुआ लागू
सूत्रों ने बताया कि पुरातत्व, सहकारिता, मत्स्य, राजस्व विभाग में यह आदेश लागू हो गया है। इसके तहत राजगढ़-ब्यावरा के कलक्टर ने भी 30 जनवरी को और सीहोर के कलक्टर ने 17 जनवरी को आदेश देकर दूसरे विभागों के संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मियों के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन देने को कहा है। खास बात यह है कि वित्त विभाग ने भी इस संबंध में हरी झंडी दे दी है, फिर भी एनएचएम में यह अमल में नहीं आ रहा है।
यह है स्थिति
एनएचएम में कार्यरत एएनएम के बैंक खाते में 9 से 10 हजार रुपए वेतन आ रहा है, यदि उन्हें नियमित कर्मी के वेतन का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन दिया जाए तो उनका वेतन 20 से लेकर 21 हजार रुपए हो सकता है। न्यूनतम वेतन न मिलने से एनएचएम का संविदा स्टाफ मायूस है।
नियमित नहीं हो पा रहे कर्मचारी
एनएचएम में कार्यरत कर्मियों ने पत्रिका को बताया कि कांग्रेस की सरकार ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया है, इसका लाभ भी एनएचएम कर्मियों को नहीं मिल रहा है।
आधे वेतन पर काम कर रहे आयुष चिकित्सक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 419 आयुष चिकित्सक व आरबीएसके के तहत 700 आयुष चिकित्सक ग्वालियर सहित प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में काम कर रहे हैं। इन आयुष चिकित्सकों से सेवाएं सरकार एलोपैथिक चिकित्सकों के समान ही ले रही है। हाल ही में एमबीबीएस डॉक्टरों का वेतन डबल कर दिया गया है, जबकि आयुष चिकित्सकों को वेतन आधा भी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार के नए आदेश के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत शहरी चिकित्सकों को 50 हजार रुपए, जिला व उप जिला स्तर पर 60 हजार रुपए मिलेंगे।
इनका कहना है
-एनएचएम के संविदा कर्मचारियों के वेतन का मामला गंभीर है, इसे दिखवाया जाएगा और प्रयास किए जाएंगे कि इसे जल्द से जल्द एनएचएम समेत अन्य जगह भी लागू कराया जाए।
तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री मप्र शासन
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