फैकल्टी मेंबर्स को दिए प्रशस्ति पत्र
कार्यक्रम की शुरुआत में संस्थान की डीन एकेडमिक डॉ मंजरी पंडित ने वर्ष 2018-19 का वार्षिक एकेडमिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने गतवर्ष हुईं विभिन्न एकेडमिक गतिविधियों का उल्लेख किया। संस्थान के निदेशक डॉ आरके पंडित ने बताया कि 14 नवंबर 1957 को सिंधिया इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी की स्थापना हुई थी एवं ग्वालियर क्षेत्र में एक तकनीकी संस्थान बनाने का निर्णय लिया गया था। समारोह में ऑनलाइन कोर्सेज में बेहतर परफॉर्म करने वाले फैकल्टी मेंबर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ मनीष दीक्षित ने किया।
‘सिस्टम इंजीनियरिंगÓ पर लिखी बुक
मल्टी नेशनल कंपनी आइबीएम में जॉब कर रही कर्णिका शिवहरे ने कहा कि मैंने 2014 में कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में एडमिशन लिया। उस समय मैंने पढ़ाई के साथ ही अदर एक्टिविटी में पार्टिसिपेट करना भी शुरू कर दिया। इस पर फ्रेंड्स कमेंट करने लगे, लेकिन उसे मैंने अपनी ताकत बनाया। इस दौरान मेरे सामने कई मुश्किलें भी आईं, लेकिन मैंने हमेशा उनको अपना दोस्त बनाया और सफल हुई।
एचीवमेंट्स- सोशल वर्क में गोल्ड मेडल, कम्यूटर साइंस में गोल्ड मेडल, सभी कंपनीज में प्लसेमेंट हुआ। ‘सिस्टम इंजीनियरिंगÓ विषय पर बुक लिखी। कैंसर कंट्रोल मिशन से सोशल वर्क के लिए गोल्ड मेडल मिला। कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की मैग्जीन को लांच किया। कई क्लब्स में एक्टिव रही। नेशनल सम्मिट में पेपर प्रजेंट किया। स्पोट्र्स में पार्टिसिपेशन रहा।
मैं हमेशा पापा से इंस्पायर रहा
महिंद्रा एंड महिंद्रा हैदराबाद में जॉब कर रहे अभिषेक यादव का कहना है कि मैं हमेशा अपने पापा से इंस्पायर रहा। वह गांव में एक छोटे से किसान थे। इसी के साथ उन्होंने पढ़ाई की और एग्रीकल्चर विभाग में जॉब पाई। वह फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया से डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के पद से रिटायर हुए। उनका कहना था कि कुछ बड़ा करने के लिए हर एक चीज में इन्वॉल्व होना जरूरी है। वही मैंने किया।
एचीवमेंट्स- मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में हमेशा टॉप पर रहा। आइआइटी इंदौर से रिसर्च इंटरर्नशिप की। आइआइएम लखनऊ से मार्केटिंग इंटर्नशिप की। कैट 2017 में 92 परसेंटाइल के साथ क्रेक किया। कराते में स्टेट लेवल विनर रहा। कॉलेज आने वाली हर कंपनी में मेरा सिलेक्शन हुआ। कॉलेज में एक क्लब खोला। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल का स्टूडेंट हेड रहा।