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बड़ी खबर : एक साल में बनी 2.25 करोड़ यूनिट बिजली और इस बार महज 20 दिन में ही तोड़ डाला रिकॉर्ड

locationग्वालियरPublished: Sep 25, 2018 07:29:54 pm

Submitted by:

monu sahu

बड़ी खबर : एक साल में बनी 2.25 करोड़ यूनिट बिजली और इस बार महज 20 दिन में ही तोड़ डाला रिकॉर्ड

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बड़ी खबर : एक साल में बनी 2.25 करोड़ यूनिट बिजली और इस बार महज 20 दिन में ही तोड़ डाला रिकॉर्ड

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग के शिवपुरी जिले में सिंध नदी पर बने मड़ीखेड़ा डैम से सिंचाई के लिए पानी को विद्युत संयंत्र इकाई के माध्यम से छोड़ा जाता है, जिससे बिजली का उत्पादन होता है। पिछले साल पूरे 365 दिन में महज 2 करोड़ 25 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो सका, जबकि इस साल हुई झमाझम बारिश के बीच महज 20 दिन में ही 2 करोड़ 9 लाख यूनिट बिजली बना ली गई। बीते दो दिन से तीनों टरबाइन 24 घंटे घूम कर बिजली बनाती रहीं, लेकिन सोमवार से टरबाइन 9 घंटे ही चल पाएगी, क्योंकि सिंध के कैचमेंट में बारिश नहीं हो रही और बांध में आने वाले पानी का फ्लो भी कम हो गया।
महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त बिजली तो केवल ओवरफ्लो से बनी है, जबकि सीजन पर किसानों को पानी देते समय तो और भी अधिक बिजली का उत्पादन होगा।गौरतलब है कि इस बार शिवपुरी सहित सिंध के कैचमेंट में हुई झमाझम बारिश के चलते जब नदी उफनी तो मड़ीखेड़ा डैम के गेट 4 सितंबर को खोल दिए गए। उस दौरान विद्युत उत्पादन संयंत्र की तीनों टरबाइन चालू हो गईं थीं और प्रति घंटा 20 यूनिट प्रति टरबाइन के मान से 60 यूनिट बिजली बनती रही।
इसके बाद तो डैम से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम होती गई, इसलिए बिजली का उत्पादन भी अब कम होगा, लेकिन महज 20 दिन में यहां पर 2 करोड़ 9 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन सोमवार की सुबह तक हो चुका था, जबकि बीते वर्ष पूरे साल में मड़ीखेड़ा की विद्युत इकाई ने महज 2 करोड़ 25 लाख यूनिट ही बिजली बनाई।
पिछले वर्ष बांध में पानी कम था और जब सिंचाई के लिए किसानों को पानी छोड़ा गया, उसी समय में विद्युत संयत्र इकाई ने बिजली बनाई।अब जबकि बांध भरा हुआ है और कैचमेंट में हल्की बारिश के बाद ही उसमें जब पानी आता है तो उसे विद्युत इकाई के माध्यम से रिलीज करके बिजली बनाई जा रही है। यानि इस बार जब सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा तो फिर बिजली का उत्पादन हो सकेगा और बनने वाली बिजली का आंकड़ा कई गुना अधिक बढ़ जाएगा।
“दो दिन से 24 घंटे तीनों टरबाइन चल रहीं थीं, लेकिन अब सिंध में पानी कम आने से सोमवार से 9 घंटे ही टरबाइन चल पाएंगी। इसलिए उत्पादन कुछ कम हो जाएगा। अब सिंचाई में पानी जब छोड़ा जाएगा, तो वो पानी विद्युत संयंत्र के माध्यम से ही होकर जाएगा।”
एच गुप्ता, ईई पावर जनरेशन यूनिट मड़ीखेड़ा
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