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धाय के पेड़ के प्रकट हुए भगवान भोलेनाथ, पानी को बना दिया था घी नहीं होने दी थी कोई कमी

locationग्वालियरPublished: Feb 10, 2018 03:09:40 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

धाय के पेड़ में से प्रकट हुआ शिवलिंग, आस्था का केंद्र पिछोर का धाय महादेव मंदिर

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शिवपुरी/पिछोर। शिवपुरी जिले के पिछोर कस्बे से 25 किमी दूर ग्राम खोड़ के पास स्थित धाय महादेव मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना है। मंदिर के महंत शंकरपुरी महाराज ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार मंदिर का नाम धाय महादेव इसलिए पड़ा, क्योंकि यहां धाय का विशाल वृक्ष था, जिसके नीचे से शिवलिंग अपने आप प्रकट हुआ था। तभी से यहां शिवजी का विशाल मंदिर बनाया गया और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं। इस मंदिर पर पिछले 500 वर्ष से अखंड ज्योति जल रही है। प्रतिदिन खोड़ गांव के प्रत्येक घर से चावल व दूध शंकरजी के अभिषेक के लिए इकट्ठा किया जाता है।

 

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शिवलिंग पर चढ़ाने वाला दूध-घी का नहीं चलता पता
इस शिवलिंग की यह विशेषता है कि इस पर चढ़ाया जाने वाला दूध व घी, कहां जाता है वो किसी को नहीं दिखता। इसके पीछे एक कहानी प्रचलित है कि यहां कई साल पहले भंडारा हो रहा था, जिसमें बनाई जा रही मिठाई के लिए घी कम पड़ गया। लोगों ने मंदिर के पास से निकलने वाली पेरकान नदी से पानी के टीन भरकर लेकर कड़ाही में डाला तो वो भी घी बन गया।

 

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ग्राम खोड़ के गहोई समाज के लोग आज भी अखंड ज्योति के लिए एक रुपए किलो के हिसाब से आज भी घी देते हंै।शिवपुरी शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध शिवमंदिर मौजूद हैं, जहां की अलग-अलग मान्यता हैं। शिवपुरी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। यह सिंधिया राजवंश की ग्रीमकालीन राजधानी भी रही है। शिवपुरी शहर अपने झरनों के लिए काफी मशहूर भी है।

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