फुटपाथ बाजार फिर लग गया है, पता चलने पर मदाखलत टीम ने जाकर उनका सामान छीनकर जब्त कर लिया, इस पर हॉकर्स और मदाखलतकर्मियों के बीच धक्कामुक्की हो गई। हॉकर्स मदाखलत की गाड़ी के सामने धरना देकर बैठ गए, जिद पर अड़ गए कि गाड़ी को तब जाने देंगे जब मदाखलत उनका सामान वापस लौटाएगा। बाड़े पर जमकर ड्रामा किया। पुलिस, नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन हॉकर्स बात सुनने को तैयार नहीं हुए। करीब तीन घंटे तक हंगामा चला, फिर तय हुआ कि मंगलवार को एसडीएम दफ्तर में कारोबारियों की गिनती, पंजीयन और दुकानें आवंटन का तरीका तय होगा।
सोमवार को फुटपाथ कारोबारियों को कंपू हॉकर्स जोन में भेजने के लिए पंजीयन होना था, लेकिन शुरू होने से पहले ही पचड़े में फंस गया। फुटपाथ कारोबारियों का आरोप था कि उनसे नगर निगम के मदाखलत अधिकारी सत्यपाल सिंह चौहान ने वादा किया था कि सभी कारोबारी सोमवार दोपहर 11 बजे बाड़े पर इक्_े हों, नगर निगम की गाड़ी उन्हें कंपू हॉकर्स जोन ले जाएगी, वहां पंजीयन कर दुकानें दी जाएंगी, इसलिए सभी सुबह से बाड़े पर आ गए थे। कई घंटे तक इंतजार किया, गाड़ी और निगम के लोग नहीं आए तो कोतवाली थाने जाकर पुलिस से कहा कि हमारे साथ फरेब हो रहा है। उसके बाद वापस आकर नजरबाग और सुभाष मार्केट के सामने दुकानें लगा दीं। इसका पता चलने पर मदाखलत की टीम उन्हें खदेडऩे के लिए पहुंच गई।
फुटपाथ कारोबारी निर्मल राजावत का आरोप था कि मदाखलत कर्मियों ने उसे मारा है। कारोबारियों को बुलाकर उनका पंजीयन भी नहीं किया और सारा सामान भी उठा कर ले गए। अब कहां दुकान लगाएं। हंगामा बढऩे पर फुटपाथ कारोबारियों ने मदाखलत की गाड़ी घेर ली। कहा कि पुलिस दुकान लगाने वालों को एक-एक कर जेल भेज रही है। अब सभी फुटपाथी इक्_े हैं, हम सब पर केस दर्ज कर जेल भेज दो।
तय हुआ दफ्तर में होगी बात
एसडीएम प्रसाद और निगम के एडिशनल कमिश्नर भार्गव ने फुटपाथ कारोबारियों से कहा कि हंगामें से समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है। कारोबारियों को निगम की बनाई सूची और पंजीयन प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है, तो मंगलवार को बाजार के चुनिंदा लोग एसडीएम दफ्तर में आएं, वहां कारोबारियों के पक्ष में दिए गए कोर्ट के आदेश, फुटपाथ कारोबारियों की सूची, पंजीयन को लेकर फैसला होगा। सभी कारोबारियों का पंजीयन करने के बाद ही हॉकर जोन में भेजा जाएगा।
छावनी बना बाड़ा, कोर्ट के आदेश का हवाला
फुटपाथ कारोबारियों के कब्जे से मदाखलत का वाहन छुड़ाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स बाड़े पहुंच गया, लेकिन वाहन के सामने बैठे लोग नहीं उठे। उनकी दलील थी कि हाइकोर्ट ने उन्हें विस्थापित करने का आदेश दिया है, फिर नगर निगम उनका पंजीयन क्यों नहीं कर रही है। आरोप था कि निगम ने पंजीयन के लिए जो सूची बनाई है वह झूठी है, उसमें सिर्फ 212 लोगों के नाम हैं, वह भी बाड़े पर फुटपाथ पर कारोबार करने वाले नहीं हैं। उनके हिसाब से फुटपाथ पर 262 लोगों की दुकानें हैं, इसके अलावा कई और लोग हैं। करीब 500 लोगों का पंजीयन होना चाहिए।
कई बार बदला पैंतरा, निगम पर टारगेट
फुटपाथ कारोबारियों को समझाने के लिए एडीएम सीबी प्रसाद और नगर निगम एडिशनल कमिश्नर नरोत्तम भार्गव भी बाड़े पर पहुंचे और समझाने की कोशिश की, लेकिन कारोबारी लगातार पैंतरा बदलते रहे। अफसरों के सामने शर्त रखी कि मदाखलत ने जो सामान जब्त किया है, उसे वापस कराओ, बाजार में कितने दुकानदार हैं उनकी सूची हम देंगे। इस बाजार को ही क्यों खाली करा रहे हो, दूसरे बाजार में कार्रवाई क्यों नहीं करते। उनका रवैया देखकर अधिकारियों ने जवाब दिया कि फुटपाथ कारोबारी अपनी परेशानी का समाधान ढूंढें, प्रशासन को क्या करना है समझाने की कोशिश नहीं करें। जो सामान मदाखलत ने जब्त किया है वह स्टोर में पहुंच चुका है, उसे तुरंत वापस नहीं किया जाएगा। यह जवाब मिलने पर कारोबारियों ने फिर पैंतरा बदल दिया, इस बार शर्त रखी कि मदाखलत के वाहन के सामने से तब हटेंगे जब मारपीट करने वाले निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर होगी। तीसरे फेर में फुटपाथियों ने दलील दी कि निगम ने कारोबारियों की गिनती की है, वह गलत है। एक दिन बाड़े पर फुटपाथ लगाने दो, असली कारोबारी सामने आएंगे। उनकी दलील को अफसरों ने खारिज कर कहा कि बाड़े पर फुटपाथ बाजार तो अब नहीं लगेगा। सभी कारोबारियों को हॉकर जोन में जाना पड़ेगा।
निगम की सूची से ही पंजीयन होगा
महाराज बाड़े पर हॉकर्स फिर से आ गए थे, इन्हें हटाकर सामान जब्त कर लिया है। टीसी और अन्य निगम अधिकारियों ने जो सूची बनाई है उसके हिसाब से ही हॉकर्स का पंजीयन किया जाएगा। यह लोग 500 से अधिक का पंजीयन करने की बात कह रहे हैं, जो गलत है। निगम ने जो वीडियोग्राफी कराई थी, उसमें से लोगों को चिन्हित कर पंजीयन किया जाएगा।
संदीप माकिन, कमिश्नर नगर निगम