कहां कितनी मशीनें
शहर में 66 वार्ड हैं, लेकिन सिर्फ 14 मशीनें काम कर रही हैं। इनमें ग्वालियर पूर्व विधानसभा में 5, ग्वालियर विधानसभा में 5, दक्षिण में 4 मशीन हैं। इसके अलावा 11 मशीनें खराब पड़ी हैं। इन्हें निगम ने अभी तक सुधरवाया नहीं है।
संवेदनशील क्षेत्रों में भी नहीं हो रही फॉगिंग
पिछले साल शहर के कई क्षेत्रों में मलेरिया और डेंगू फैलने से सैकड़ों लोग बीमार हुए थे और कई की जान चली गई थी। इनमें सबसे संवेदनशील क्षेत्र डीडी नगर था, जहां 100 से अधिक डेंगू के केस मिले थे। इसके बावजूद अभी तक नगर निगम ने इस क्षेत्र में फॉगिंग की सही ढंग से शुरुआत नहीं की है। बीच-बीच में कहीं भी फॉगिंग शुरू कर देते हैं, जिसके कारण मच्छर मरते नहीं हैं। अभी नगर निगम द्वारा जो फॉगिंग की जा रही है, उसके अनुसार एक मशीन एक वार्ड में एक दिन जाती है, अगले दिन मशीन उसी वार्ड में जाने के बजाए दूसरी जगह जाती है। जिस जगह फॉगिंग की गई, उस जगह जब तक फिर से मशीन पहुंचती है, तब तक वहां फिर से मच्छर पहुंच जाते हैं। अगर नगर निगम द्वारा पूरे वार्ड में एक ही दिन फॉगिंग और दवा का छिडक़ाव किया जाए तो काफी हद तक मच्छरों पर छुटकारा मिल सकता है।
यहां करें शिकायत
फॉगिंग कहां होती है पता नहीं
हमारे यहां पिछले साल भी मच्छरों का प्रकोप रहा था। नगर निगम ने अभी तक एक बार भी फॉगिंग नहीं कराई है। फॉगिंग कहां होती है, पता ही नहीं चलता है।
बीएम त्रिपाठी, डीडी नगर
क्षेत्र में मच्छरों बहुत हो गए हैं अगर अभी फॉगिंग नहीं कराई गई तो समस्या और बढ़ जाएगी। निगम अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
विमल सिंह, डीडी नगर
पिछले साल बच्ची की मौत हो गई थी
हमारे यहां मच्छर बहुत पनप रहे हैं। गत वर्ष डेंगू से एक बच्ची की मौत भी हो गई थी, इसके बावजूद अधिकारियों ने यहां ध्यान नहीं दिया। अगर सही ढंग से फॉगिंग करें तो डेंगू और मलेरिया न फैले।
हिम्मत सिंह, सिकंदर कंपू
इस बार विशेष इंतजाम किए हैं
डीडी नगर, पिंटोपार्क, शताब्दीपुरम, थाटीपुर, मेहरा कॉलोनी, समाधिया कॉलोनी, केवी-1 के आसपास कई क्षेत्रों में लार्वा पाया गया था, इसके लिए इस बार विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा शहर में जहां पानी जमा है जैसे बावड़ी, कुएं और तालाब वहां पर गंबूशिया मछली को डाल दिया गया है।
मनोज पाटीदार, जिला मलेरिया अधिकारी