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मुंबई से बुलाया बेटा फिर कर दी हत्या,ऐसे समझे मर्डर की पूरी कहानी लखनलाल से ठग ने कहा कि इसमें काफी मुनाफा है। उसे भी ठेका दिलवा देगा। लखनलाल संजय के जाल में फंस गया। फरवरी २०१५ में ५ लाख और मार्च में ३ लाख फिर अप्रैल में ३ लाख रुपए दिए। यही नहीं अपने मित्र अशोक पाठक से भी १४ लाख ४० हजार रुपए संजय व धीरेन्द्र के खातों में जमा कराए।
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युवक के हाथ-पैर बांधकर मंदिर से चुराया पांच क्विंटल का घंटा,जाते-जाते पुजारी को बताया राज लखनलाल से वायदा किया समय-समय पर ५ लाख रुपए प्रॉफिट मिलता रहेगा। लेकिन 26 जनवरी 2016 से मोबाइल बंद कर लिए। जो पता बताया वह भी गलत निकला। इसके बाद लखनलाल ने 7 सिंतबर 2016 को क्राइम ब्रांच थाने में रिपोर्ट की। करीब एक साल बाद संजय उर्फ महेन्द्र पकड़ा।
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युवाओं ने खुद विकसित किया पार्क और पेश की ऐसी मिसाल,शहर हो गया इनका दीवाना खोला था फर्जी खाताठग ने लखनलाल को अपना फर्जी नाम महेन्द्र बताया। उसने फर्जी नाम से ही वोटर आईडी बनवाकर बैंक में खाता खोल रखा था।असली नाम संजय सिंह निवासी रतैया खुर्दी जिला रायबरेली निकला।
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खेत में जानवर घुसने पर युवक के हाथ पैर काटे और दी यह सजाठगी की रकम से बोलेरो और गहने खरीदेसंजय ने ठगी रकम से एक बोलेरो और कुछ गहने भी खरीद लिए थे। बाद में बोलेरो बेचकर नई कार खरीदी। हालांकि अभी कार और गहने पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।