दूल्हे को नई बाइक देनी थी। इसलिए लडक़ी वालों ने दयाशंकर से कहा शोरूम पर चलकरनई बाइक खरीदवा दे। मंगलवार दोपहर को रिश्तेदारों के साथ सिटीसेंटर स्थित बाइक के शोरूम पहुंचा। बाइक खरीदने के बाद रिश्तेदार आगे निकल गए। पीछे से वह अपनी बाइक से आ रहा था। अभी वह एसपी ऑफिस के पास पहुंचा तभी रफ्तार में आ रही ट्रैक्टर-ट्राली ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बाइक सहित सडक़ पर गिर पड़ा।
ट्रैक्टर का पहिया उसके पेट के ऊपर से निकल गया। हादसा होने पर चालक ट्रैक्टर से कूदकर भागा। लेकिन वहां मौजूद पब्लिक ने पीछा कर उसे दबोच लिया। घायल की गंभीर हालत देखकर एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल रवाना किया। लेकिन अस्पताल में दयाशंकर ने दम तोड़ दिया। ट्रैक्टर ट्रॉली में महिलाएं बैठी हुई थी।
इलाज मिल जाता तो बच जाता भाई
मृतक के चचेरे भाई ने बताया हादसे के बाद दयाशंकर को सिटी सेंटर पुल के पास बने अस्पताल लेकर पहुंचे। उस वक्त उसकी सांस चल रही थीं, लेकिन डॉक्टर ने गंभीर हालत बताकर जेएएच रैफर कर दिया। वहां पहुंचे तो दयाशंकर ने दम तोड़ दिया। अगर पहले वाले अस्पताल में इलाज मिल जाता तो मेरे भाई दयाशंकर की जान बच जाती।
घरवालों का लाड़ला था दयाशंकर
दयाशंकर के पिता बैल्डिंग का काम करते हैं। तीन भाईयो में वह दूसरे नंबर का था। माता-पिता के अलावा भाईयों का भी वह लाड़ला था। उसकी पत्नी के अलावा दो साल की बेटी है। लेकिन पिछले दो साल से पत्नी बेटी के साथ मायके मे रह रही है।