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बेटियों के हाथ पीले करने के थे सपने , एक गलती ने कर दिए चकनाचूर

locationग्वालियरPublished: May 31, 2019 01:59:13 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

बंद रेलवे फाटक से निकला और बिखर गए टुकड़े

man death by shatabdi express in gwalior

बेटियों के हाथ पीले करने के थे सपने , एक गलती ने कर दिए चकनाचूर

ग्वालियर। तीन बेटियों का पिता होने पर उसे उनकी शादी की चिंता थी। दो बेटियों के लिए रिश्ते ढंूढ रहा था, इसलिए वह सुबह घर से निकल जाता रात को ही घर लौटता। अक्सर घरवालों से कहता बेटियों का धूमधाम से विवाह करेगा, लेकिन उस पिता के यह सपने पूरे होते उससे पहले बेटियों को बेसहारा छोड़ दुनिया से चला गया। पैसे कमाने के लिए निकला सेल्समैन जल्दबाजी में रेल फाटक बंद होने पर भी बेरियर के नीचे से निकलने लगा। पटरी पर पहुंचा ही था कि तभी राजधानी एक्सप्रेस आ गई और दो पहिया वाहन सहित ट्रेन से टकरा गया। ट्रेन निकलने के बाद लोगों ने देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। हादसा गुरुवार सुबह करीब 7 बजे झांसी रोड थानांतर्गत विवेकानंद नीड्म रेलवे फाटक के पास हुआ।

पुलिस के मुताबिक कोटेश्वर कॉलोनी निवासी जगदीश शाक्य (46) पुत्र मोतीलाल की ट्रेन से टकराकर मौत हुई है। जगदीश सिगरेट, पुडिय़ा दुकानों पर बेचता था। सुबह 6 बजे सामान सप्लाई करने निकला था। कई दुकानों पर पहुंचना था इसलिए जल्दबाजी थी। नीड्म के पास पहुंचा तो रेल फाटक बंद हो गया। जल्दबाजी में नीचे से निकलकर पटरी पार करने लगा। तभी ट्रेन आ गई और टकरा गया। जगदीश की तीन बेटियां खुशबू, जया और रिंकी है। घर में कमाने वाला जगदीश ही था। भाई चुन्नीलाल ने बताया दो बेटियों की शादी करनी थी, इसलिए जगदीश दिन-रात मेहनत करता था, लेकिन बेटियोंं की शादी करके विदा करने से पहले ही वह उन्हें बेसहारा छोड़ गया।

गेटमैन चिल्लाता रहा तब तक आ गई ट्रेन
पटरी के आस-पास गेटमैन और कुछ लोग भी खड़े थे। उन्होंने देखा कि सेल्समैन गेट पार कर पटरी पार कर रहा था, तभी ट्रेन आती दिखी। उन्होंने चिल्लाकर हटने के लिए कहा, लेकिन तब तक ट्रेन उसे चपेटे में ले चुकी थी। ट्रेन गुजरने के बाद लोगों ने देखा तो खून से लथपथ उसका शव पड़ा था।
50 फीट तक उड़े वाहन के टुकड़े
ट्रेन इतनी स्पीड में थी कि जगदीश के दुपहिया वाहन के परखच्चे उड़ गए। उसके कई टुकड़े 50 फीट से ज्यादा तक उडकऱ गिरे। कुछ टुकड़े वहां मौजूद गेटमैन के शरीर में लगे, जिससे उसको भी चोटें आईं।
बेटियों को था इंतजार पिता कुछ लेकर आएंगे
जगदीश की तीनों बेटियां लाड़ली थीं। रात को जब घर लौटता तब बेटियों के खाने के लिए कुछ न कुछ जरूर लेकर जाता था, इसलिए रोजाना बेटियां उसका इंतजार करती थीं। गुरुवार को भी वह निकला तो बेटियों ने कहा कि पापा कुछ अच्छा लेकर आना, लेकिन उसे घर से जाए हुए एक घंटा ही हुआ था कि बेटियों को पिता की मौत की खबर मिल गई।
आग लगने से पहली पत्नी की हो गई थी मौत
घरवालों ने बताया कि करीब 5 साल पहले आग से जलकर पहली पत्नी की मौत हो गई थी। उसी से दो बेटियां थी। इसी हादसे में उसके पिता की भी जान चली गई थी। बाद में उसने दूसरी शादी कर ली, जिससे तीसरी बेटी हुई थी।
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