जुलाई में ज्वाइन करने का आदेश हो गया था, इसके बाद अब वेतन भुगतान कराने की अनुमति सहि ज्वाइन करने आया तो पता चला कि कि नियुक्ति ही फर्जी है। यह बात क्षेत्रीय कार्यालय में लेखापाल पद के विरुद्ध ज्वाइनिंग के लिए आए युवक ने निगमायुक्त को बताई।
पूरी बात सुनने के बाद कमिश्नर विनोद शर्मा ने युवक जितेन्द्र से एफआईआर कराने की समझाइश दी। इसके बाद युवक ने पुलिस में आवेदन दिया है। युवक का कहना है कि उसके सहित लगभग ७० से ८० युवक-युवतियों को नौकरी का झांसा देकर ठगी की गई है। फर्जी वाड़े का पता चलने के बाद जब नौकरी दिलाने वाले युवक का पता करने की कोशिश की तो वह नहीं मिला और युवती ने उसके गायब होने की शिकायत गोला का मंदिर पुलिस से की।
11 जुलाई का है आदेश
नगर निगम आयुक्त के नाम से नियुक्ति पत्र जारी करने वाले ने बाकायदा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ में दायर याचिका क्रमांक १/३१/२००६ का हवाला दिया है। इसके साथ ही लिखा गया है कि ११ जुलाई २००७ को पारित आदेश के अनुसार न्यूनतम वेतनभोगी लेखापाल बाबू पद को वरिष्ठता क्रम अनुसार लेखपाल बाबू पद पर मूल वेतन २६ हजार ७०० रुपए और पात्रतानुसार मंहगाई आदि भत्तों के आधार पर पूर्णत: अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक नियमित करके उनके नाम के समक्ष दर्शाए गए क्षेत्रीय कार्यालय पर पदस्थ किया जाता है। इस नियुक्ति पत्र में जितेन्द्र जोरिया, देवेन्द्र सेंगर, सुकीर्ति नारायण, मंगल छात्रे, सुरेन्द्र बाथम, हरेन्द्र और नरेन्द्र के नाम शामिल हैं।
इनको दिया झांसा
नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वालों ने देवेन्द्र सेंगर, मोहिनी कश्यप, रवि, राहुल जोरिया, संजना डुलानी, रेखा गंगोत्री, आरती जादवानी, नेहा जादवानी, राहुल शर्मा, कोकसिंह, सूरज सिंह, करतार सिंह, इंद्रजीत वर्मा, सुनील बाथम, दीपक बाथम, राजू बाथम, अवधेश मांझी, सुनील कुमार सोनी, रामवीर, कमलेश, जितेन्द्र, रामसेवक मौर्य, सुरेन्द्र, अरविंद्र करोसिया, बालकिशन करोसिया, नितेश बाथम, मुकेश कुशवाह, जितेन्द्र जोरिया, साबिर मंसूरी, रोहित कुमार गंगोत्री, अनुराग राजपूत, अवधेश कुमार, रवि गंगोत्री, सत्यवीर नावरिया, नवल सिंह, भागीरथ कुमार, पवन बाथम, किशोरी बाथम, संजय सिंह, दिनेश बाथम, दिलीप कुमार , लाखन सिंह बघेल, बालस्टर, सतीश मालवी, किरन,सोनी, अनीता, पिंकी सेंगर, अंशुल सिंह सिकरवार, दीपक, रवीना, बबलू, बीरबल के नाम शामिल हैं।