बकौल गजेंद्र इन तीन सालों से अपने जीजा कृष्णपाल के यहां ग्राम भोड़न में रह रही थी। उन्होंने बहू को घर लाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं आई। आखिरकार चार माह पहले अजीत ही भोड़न जाकर रहने लगा, ताकि पति पत्नी में बात बन जाएगी तो वह गुना आकर रहने लगेगी। इसी क्रम में सोमबार की सुबह भोड़न से फ़ोन आया कि अजीत रात को शराब पीकर सोया और सुबह जागा नहीं, देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। जब गजेंद्र ने भोड़न जाकर देखा तो अजीत के चेहरे और शरीर के अन्य अंगों में चोट के निशान थे, जिससे गजेंद्र को संदेह है कि अजीत की हत्या की गई है।