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गजब है MP : स्टे्रचर की जगह चादर पर मरीज को ले जा रहे परिजन,डीएमई ने निरीक्षण में कहा-ऑल इज वेल इस दौरान पता चला कि गोरेलाल को कुछ समय पूर्व सहराना के ही संजू पुत्र मुन्नालाल जाटव की जगह नौकरी पर रखा गया था। इस वजह से संजू, गोरेलाल जाटव से रंजिश भी मानने लगा था। लिहाजा टीआई अजय चानना की टीम ने उसे उठाया और पूछताछ की तो उसने हकीकत बयां कर दी। संजू ने बताया कि २४ नवंबर की रात वह बाउण्डी फांदकर गैस गोदाम परिसर में दाखिल हुआ और वहां खटिया पर सो रहे गोरेलाल जाटव के सिर में धारदार हथियार से वार करके उसे मौत की नींद सुला दिया।
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यह युवक 25 साल शासन से केस लड़ा और जीता भी,मरने के बाद भी नहीं मिली पेंशन,अब कोर्ट ने दिए ये निर्देश इसके बाद वह गोरेलाल की लाश को घसीटता हुआ बाउण्ड्री तक गया। फिर तकरीबन पौन घंटे में लाश को उठाकर बाउण्ड्री के दूसरी तरफ पटका। इस चक्कर में दो-तीन बार वह स्वयं भी गिरा। लाश को परिसर से बाहर निकालने के बाद उसे फिर से घसीटता हुआ कुएं तक ले गया और उसमें गिरा दिया। इस पूरी वारदात को अंजाम देने में संजू जाटव को तकरीबन डेढ़ घंटे का समय लगा। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी संजू जाटव को चोरी की आदत है और मृतक गोरेलाल उसकी चुगली किया करता था। इसके अलावा संजू ने पुलिस को बताया कि गोरेलाल ने उसकी तथा उसकी मां की मारपीट भी की थी, इसलिए वह उससे रंजिश रखता था।
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सब्जियों ने बिगड़ा लोगों का बजट,इस तेजी से बढ़ रहे हैं दाम,रेट सुन आप भी रह जाएंगे दंग 15 दिन पहले चुराई थी बाइकहत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए संजू जाटव ने वारदात से १५ दिन पहले एक बाइक भी चुराई थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। बैरियर चौराहा से चुराई गई यह बाइक सूबालाल का पुरा निवासी प्रेम सिंह पुत्र तेज सिंह जाटव की है।
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सिगरेट पीने पर युवक को दी ऐसी सजा,सुनकर पुलिस ने भी पकड़ लिया माथा हत्या के लिए तीन बार की कोशिशकत्ल का खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने बताया कि आरोपी संजू जाटव ने गोरेलाल की हत्या की तीन बार कोशिश की।
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इस जिले के सैंकड़ों परिवारों को जल्द मिलेंगे,कहीं आप तो नहीं इसमें शामिल पहली बार जब वह गोरेलाल को मारने पहुंचा, तब उसके साथ एक और व्यक्ति था। इसलिए प्लान कामयाब नहीं हुआ। दूसरी बार जब संजू गोरेलाल को रात ११ बजे मारने पहुंचा तो वह गोदाम परिसर में मौजूद ही नहीं था, लेकिन तीसरी बार में उसे मौका मिल गया और उसने गोरेलाल को मौत के घाट उतार दिया।