scriptमनुष्य को अहंकारी नहीं, संस्कारी बनना चाहिए | Man should not be arrogant, be cultured | Patrika News

मनुष्य को अहंकारी नहीं, संस्कारी बनना चाहिए

locationग्वालियरPublished: Feb 24, 2020 12:11:16 am

संत विहर्ष सागर महाराज ससंघ की अगवानी की…

मनुष्य को अहंकारी नहीं, संस्कारी बनना चाहिए

मनुष्य को अहंकारी नहीं, संस्कारी बनना चाहिए

ग्वालियर. जो मनुष्य अपने मन को एकांत कर भगवान का तप और जप करता है, उसका जीवन अवश्य ही सफल हो जाता है। इसके अलावा जो इन चीजों से वंचित रह जाता है उसके पास अंत तक पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता है। उक्त उद्गार जैन राष्ट्रसंत विहर्ष सागर महाराज ने रविवार को सिंकदर कम्पू स्थित दिगंबर शांतिनाथ जैन मंदिर में प्रवेश के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि त्यागी को रोग वैराग्य के लिए होता है, जबकि भोगी को रोग रोने के लिए अर्थात शोक के लिए होता है। जो व्यक्ति स्वयं को संभालता है वही दूसरों को संभाल सकता है। जो स्वयं तैरना सीखा नहीं वह दूसरे को क्या तैरना सिखाएगा। वह खुद तो डूबेगा ही दूसरे को भी डुबा देगा। मनुष्य को अपने जीवन में अहंकारी नहीं संस्कारी बनना चाहिए। अहंकार जीवन का नाश कर देता है और फुटपाथ पर लाकर खड़ा कर देता है, उसके विपरीत जो मनुष्य संस्कारी बनकर अपने जीवन में धर्म, दान-पुण्य का काम करता है, उसके जीवन का कल्याण हो जाता है। इसलिए जो भी काम करें, उसके बारे में सबसे पहले जानें। इससे नुकसान भी नहीं होगा। मंदिर समिति, जैन युवा मिलन, जैन विहर्ष महिला मंडल, दिगंबर जागरण मंच, राजेश जैन मित्र मंडली आदि ने श्रीफल चढ़ाकर आशीर्वाद लिया।
पूर्व मंत्री ने की अगवानी, लिया आशीर्वाद
पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह एवं समाज के लालमणि वरैया बाबूजी ने आगवानी कर संत विहर्ष सागर महाराज से आशीर्वाद लिया। इस मौके पर राजेश जैन, कोमलचंद्र जैन, धर्मेन्द्र जैन, महेन्द्र जैन मौजूद थे।

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