मानवता गु्रप की मेहनत को तीन माह में मुकाम मिल ही गया। छह साल की उम्र में अपने परिवार के दूर हुआ सुखलाल अचेत स्थिति में था। उसे देखकर ग्रुप मेंबर्स ने सोशल मीडिया के माध्यम से उसके परिवार को खोजने का निर्णय लिया। गु्रप के सदस्य आयुष बैध ने सुखलाल से जुड़ी थोड़ी-बहुत जानकारी फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर पर डालने के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ट्विट की, जिसका रिप्लाई देते हुए उनके पीए ने आयुष को मस्तीपुर जिले के एसपी का नंबर देकर खुद भी सपोर्ट करने का आश्वासन दिया। इसके बाद बिहार पुलिस सक्रिय हो गई।
लोकेशन टे्रस होने के बाद पुलिस ने सुखलाल के परिवार को गुरुवार सुबह ढूंढ निकाला और उसके पिता कोलेसामी से आयुष की बात भी कराई। अब कोलेसामी विभूति नगर थाना की पुलिस के साथ सुखलाल को लेने 25 नवंबर को ग्वालियर आएंगे।
“वर्षों बाद लौटी चेहरे पर मुस्कान, तीन माह की मेहनत को मिल गया मुकाम”
सुखलाल बोला- पापा मिल गया
मानवता ग्रुप के आयुष वैध ने जब सुखलाल को यह जानकारी दी कि उसका परिवार मिल गया, तो वह दौड़कर आयुष से लिपट गया और सूखी पड़ी आंखों में आंसू लिए बोला पापा मिल गया…। वहीं सुखलाल के पिता कोलेसामी ने बिहार से आयुष से बात की तो उनकी आवाज भर्राई हुई थी और वह बोल रहे थे कि मेरा बेटा कैसा है?