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बावड़ी को संवारने उठ रहे कई हाथ, कर रहे श्रमदान

locationग्वालियरPublished: May 25, 2019 08:41:00 pm

Submitted by:

Harish kushwah

खेड़ापति मंदिर के पास बनी प्राचीन बावड़ी को संवारने के लिए हर सुबह बड़ी संख्या में ग्वालियराइट्स यहां पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को भी रोट्रेक्ट क्लब ऑफ ग्वालियर यूथ इन टीम ने श्रमदान किया। टीम ने यहां सुबह 6 से 7.30 बजे तक बावड़ी को संवारने का कार्य किया।

Amritan jalm campaign

Amritan jalm campaign

ग्वालियर. खेड़ापति मंदिर के पास बनी प्राचीन बावड़ी को संवारने के लिए हर सुबह बड़ी संख्या में ग्वालियराइट्स यहां पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को भी रोट्रेक्ट क्लब ऑफ ग्वालियर यूथ इन टीम ने श्रमदान किया। टीम ने यहां सुबह 6 से 7.30 बजे तक बावड़ी को संवारने का कार्य किया। देखरेख के अभाव में ये खूबसूरत बावड़ी लोगों से ओझल हो रही थी, लेकिन पत्रिका ने अमृतं जलम् अभियान में इस बार इस बावड़ी को संवारने का जिम्मा उठाया है। इसमें शहरवासी भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
ये बावड़ी हेरिटेज लुक में है। यदि ये पूरी तरह से संवार दी जाती है तो ये एक रमणीक स्थल हो सकता है।

नमन अग्रवाल

इस बावड़ी पर आकर श्रमदान कर बहुत अच्छा लगा है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी पुनीत काम को किया है।
आकाश बरूआ

यहां आकर पता चला कि शहर में ऐसी बावड़ियां भी हैं। हम सभी को इस तरह की धरोहरों को सहेजने के प्रयास करने होंगे।

कौशल साहू

पत्रिका ने बावड़ी को संवारने की जिम्मेदारी लेकर काफी अच्छा काम किया है। इस बावड़ी को देखकर लगा ये वाकई काफी अद्भुत है।
दीक्षा गुप्ता

मुझे जैसे ही पता लगा कि यहां बावड़ी संवारने की कवायद की जा रही है, मैं अपने दोस्तों के साथ यहां आई। श्रमदान करके अच्छा लगा।

मल्लिका आडवाणी

हमारे शहर में इस तरह के कई जल स्त्रोत हैं, हमको इन्हें संवारने की जिम्मेदारी लेनी होगी। इनसे वाटर रिसोर्जेज को जिंदा किया जा सकता है।
अर्पित गुप्ता

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