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आखिर क्योंं पुलिस अधिकारी को जोडऩे पड़े शहीद के परिवार के सामने हाथ, खबर पढ़ हैरान हो जाएंगे आप

locationग्वालियरPublished: Jan 16, 2020 07:18:27 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

martyr bhind funeral case news : भिण्ड शहर के चतुर्वेदी नगर निवासी बीएसएफ उप निरीक्षक सुरेशचंद्र भारद्वाज पुत्र रूपराम भारद्वाज की जम्मू में ड््यूटी के दौरान हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई थी

martyr bhind funeral case news

आखिर क्योंं पुलिस अधिकारी को जोडऩे पड़े शहीद के परिवार के सामने हाथ, खबर पढ़ हैरान हो जाएंगे आप

भिण्ड. जम्मू में ड््यूटी के दौरान हृदय घात से हुई बीएसएफ उप निरीक्षक की मौत के बाद उनके शव को गृहनगर भिण्ड लाया गया जहां ब्रह्मपुरी इलाके में स्थित शहीद पार्क में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। इससे पूर्व अंतिम संस्कार को लेकर दो साल पूर्व शहीद हुए सीआरपीएफ जवान के परिजनों ने एतराज जताया था।

भिण्ड शहर के चतुर्वेदी नगर निवासी बीएसएफ उप निरीक्षक सुरेशचंद्र भारद्वाज पुत्र रूपराम भारद्वाज की जम्मू में ड््यूटी के दौरान हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई थी। उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए ब्रह्मपुरी स्थित शहीद पार्क ले जाया गया जहां शहीद जितेंद्र सिंह कुशवाह का अंतिम संस्कार के बाद स्मारक बना दिया गया है। शहीद पार्क पर ताला पड़ा हुआ था जिसे खुलवाने की कोशिश पर शहीद जितेंद्र सिंह कुशवाह की मां ने हंगामा शुरू कर दिया।

ऐसे में तहसीलदार प्रमोद गर्ग एवं डीएसपी सतीश दुबे ने समझाइश देने की कोशिश भी की। बावजूद इसके जब वह नहीं मानीं तो बल पूर्वक ताला तोड़ा गया। बावजूद इसके शहीद की मां ने इस शर्त पर अंतिम संस्कार होने दिया कि उस जमीन पर सुरेशचंद्र भारद्वाज का स्मारक नहीं बनेगा। यहां बतादें कि उक्त जमीन पूर्व से ही मुक्तिधाम के लिए थी जिसे जितेंद्र की शहादत के बाद शहीद पार्क के नाम से कर दिया गया था।

बराबरी की शहादत ना होने का था मलाल
नक्सली हमले में शहीद हुए जितेंद्र सिंह कुशवाह की मां को इस बात का मलाल है कि उसके बेटे की नक्सलियों की गोली लगने से शहादत हुई थी जबकि बीएसएफ के उप निरीक्षक सुरेश चंद्र की हृदयाघात से मौत हुई है। उन्हें इस बात से गुरेज नहीं की बीएसएफ के उप निरीक्षक सुरेश चंद्र की अंत्येष्टि भी पूरे सैनिक सम्मान से हो बल्कि उन्हें तकलीफ यह है कि उनके बेटे जितेंद्र के बराबर शहीद का स्मारक ना बनने दिया जाए।

जमीन पूर्व से ही मुक्ति धाम के लिए थी जिसे जितेंद्र सिंह की शहादत के बाद शहीद पार्क का नाम दे दिया था, उनके परिजनों ने आधिपत्य जमा लिया था जिसे खुलवा दिया गया है।

प्रमोद गर्ग तहसीलदार भिंड

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शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देते जवान।

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