बताया गया है, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टेक्निकल इवेल्यूशन कमेटी की गत 26 सितंबर को दिल्ली में हुई 30वीं बैठक में श्योपुर सहित 31 नए मेडिकल कॉलेजों की सूची के साथ चर्चा भी हुई और इसमें इसे स्वीकृति मिल गई है। 31 मेडिकल कॉलेजों की सूची में मध्यप्रदेश के श्योपुर सहित 10 और राजस्थान के पड़ोसी जिले करौली, बारां, बूंदी सहित 10 जिले शामिल हैं। गत जून माह में केंद्र सरकार की केबिनेट बैठक में देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए। अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2021-22 तक इन नए 75 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए मंजूरी भी दे दी। अब नए कॉलेजों के लिए प्रस्ताव मंगाकर जिला अस्पतालों को लिस्टेड किया जा रहा है, जिसमें श्योपुर भी शामिल है।
बताया गया है कि इन कॉलेजों को मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों के साथ चल रहे केंद्र प्रायोजित योजना के चरण-3 के तहत अटैच किया जाएगा। केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के मुताबिक जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के रूप में उन्नयन करने पर लगभग 325 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यही वजह है कि पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की मांग पर जिला प्रशासन ने प्रारंभिक रूप से ग्राम नागदा में लगभग 50 बीघा जमीन चिह्नित की है।
श्योपुर की स्थिति एक नजर में…
श्योपुर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए प्रस्ताव मांगा गया था, जिसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। इसके लिए ग्राम नागदा में जमीन भी चिह्नित की गई है।
डॉ. एआर करोरिया सीएमएचओ, श्योपुर