जिले में नाम मात्र के खेल प्रशिक्षक, कैसे निखरे खिलाडिय़ों की प्रतिभा
ग्वालियरPublished: Aug 03, 2023 09:43:03 pm
जनजाति विकास विभाग में 66 स्पोट्र्स टीचर पदस्थ, 20 ही नियमित, बैंडमिंटन को छोडक़र बाकी खेलों को नहीं मिल पाया प्रोत्साहन


जिले में नाम मात्र के खेल प्रशिक्षक, कैसे निखरे खिलाडिय़ों की प्रतिभा
धार. खेलों को कूदोंगे तो बनोंगे खराब, पढोंगे-लिखोंगे तो बनोंगे नवाब...इसी तरह की सीख किसी जमाने में माता-पिता बच्चों को देते थे। लेकिन आज वह दौर नहीं रहा। खेल जगत में ओलंपिक समेत अन्य खेलों में हमारे खिलाड़ी तिरंगा का मान बढ़ा चुके हैं। स्पोट्र्स में धार की पहचान बैडमिंटन हब के रूप में होती है। लेकिन इस खेल को छोड़ दें, तो जिले में बाकी गतिविधियां नहीं के बराबर है। इसका मुख्य कारण सरकारी स्कूलों में मैदान समेत खेल प्रशिक्षकों की कमी है। इससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।जिला क्रीडा अधिकारी राधेश्याम गढ़वाल बताते हैं कि जनजाति विकास विभाग में सुविधा अनुसार बच्चों को खेलों की बारीकियां सिखाई जा रही है। जिले में सरदारपुर में खेल परिसर है। जहां से ज्योति चौहान और चेतना मारु फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तरीय पर जिले का नाम रोशन कर चुकी है। ज्योति यूरोप में होने वाले नेशनल गेम्स की तैयारी कर रही है।