बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग स्पाट बिलिंग के माध्यम से की जाती है लेकिन मीटर रीडर बदल जाने से नए रीडर को मीटर पहचाने में दिक्कत होती है. जिस उपभोक्ता का मीटर है, उसे बिल नहीं मिलता है तो कई बार गलत रीडिंग भी दर्ज हो जाती है. आलम ये है कि हर उपभोक्ता को अपने बिल से किसी न किसी प्रकार की शिकायत रहती है. शहर में घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 2 लाख 73 हजार है.
बिजली कंपनी को मिलने वाली शिकायतों से स्पष्ट होता है कि उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती है. कई बार मीटर रीडर को उपभोक्ता को बुलाना होता है.कनेक्शन की पहचान के लिए पुराना बिल मांगना पड़ता है. इस कारण रीडरों को उपभोक्ताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है. इन समस्याऔं को दूर करने के लिए कंपनी ने क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू की है. मीटरों में क्यूआर कोड लग चुके हैं, अब रीडिंग इसी व्यवस्था से की जा रही है.