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वायुसेना ने बताई हादसे की वजह
आपको बता दें कि, ग्वालियर स्थित महाराजपुरा एयरबेस पर बुधवार सुबह विमान मिग 21 बायसन प्रशिक्षण के लिये उड़ान पर था। वायुसेना के मुताबिक, सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर प्लेन हादसे का शिकार हुआ है। वायुसेना के मुताबिक, क्रेश हुए प्लेन को ग्रुप कैप्टन आशिष गुप्ता उड़ा रहे थे। शुरुआती जांच में माना जा रहा था कि, टेक ऑफ के दौरान विमान के इंजन में तकनीकी खराबी के चलते प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। घटना की सूचना मिलते ही महाराजपुरा सीएसपी रवि भदौरिया ने वायुसेना अधिकारियों से संपर्क किया, तब पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने दुर्घटना की पुष्टि की। वहीं, अब वायुसेना की ओर से बताया गया है कि, हादसा कॉम्बेट ट्रेनिंग के दौरान रनवे पर आग लगने से हुआ है। फिलहाल, विमान के मलबे से ब्लैक बॉक्स की तलाश की जा रही है, ताकि हादसे का स्पष्ट कारण पता लग सके।
सीएम शिवराज ने जताया दुख
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, हालांकि उनके ट्विटर अकाउंट से अंग्रेजी भाषा में ट्वीट किया गया है, जिसका अनुवाद करें, तो उन्होंने लिखा कि, ग्रुप कैप्टन श्री ए गुप्ता के दुखद, असामयिक निधन पर मेरी गहरी संवेदना है। मैं दिवंगत आत्मा को आशीर्वाद देने के लिए सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करता हूं। मेरे विचार और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।
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कॉकपिट से बाहर भी नहीं निकल सके ग्रुप केप्टन
वहीं, वायुसेना के सूत्रों की मानें तो, बुधवार को लड़ाकू विमान प्रशिक्षण के लिये लगातार उड़ान भर रहे थे। दोपहर करीब डेढ बजे ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता विमान को हैंगर से निकाल कर हवाई पटटी पर लाए थे। इस दौरान विमान टेक ऑफ होने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि, हादसा इतनी अचानक हुआ कि, ग्रुप कैप्टन गुप्ता को कॉकपिट से बाहर निकलने का नहीं मिल सका।
ट्वीट से हुई पहली पुष्टि
हादसे की जानकारी दोपहर करीब डेढ़ बजे ही आ गई थी, लेकिन तब तक वायुसेना की ओर से अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। हादसे में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वायुसेना के साथ ही ग्वालियर से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया था, लेकिन बाद में एयरबेस को लॉक कर दिया गया था, साथ ही फायर ब्रिगेड को भी लौटा दिया गया। पायलट की मौत की पुष्टि इंडियन एयरफोर्स की तरफ से बाद में ट्वीट के जरिये हुई।
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पहली बार नहीं, जब मिग विमान हुआ क्रेश
आपको बता दें कि, इसी साल मिग-21 प्लेन के क्रैश होने की ये तीसरी घटना है। ये कहना गलत नहीं होगा कि, पिछले कई सालों से मिग विमानों के क्रैश होने की घटनाएं बेहद आम हैं। करीब पांच दशक पुराने इन विमानों को बदलने की मांग लंबे वक्त से की जा रही है। कई लोग तो इन्हें उड़ता ताबूत भी कहते हैं। हालांकि, बीच में इन विमानों को हल्के स्वदेशी तेजस से बदलने की चर्चाओं ने भी खास जोर पकड़ा था, लेकिन इस बात की कहीं कोई पुष्टि नहीं हुई। इन विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामलों को लेकर फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिसपर कोर्ट के मुख्य न्यायधीश द्वारा तल्ख टिप्पणी देते हुए कहा गया था कि, वायुसेना के मिराज विमान काफी पुराने हैं, जो क्रैश होने ही हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की गई थी।
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