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दूधवाला 20 हजार में लेता था गंूगा बहरा बनवाने का ठेका

locationग्वालियरPublished: Jan 15, 2022 02:04:30 am

Submitted by:

Puneet Shriwastav

गोरखधंधे में सिविल सर्जन दफ्तर का बाबू, पुराना चपरासी शामिलआरोपियों की तलाश में पुलिस की दविश दूध वाला लाता था ग्राहक, स्टाफ बनाता था फर्जी प्रमाण पत्र

Civil surgeon office's babu, old peon involved in racketeering

दूधवाला 20 हजार में लेता था गंूगा बहरा बनवाने का ठेका

ग्वालियर। ठेके पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के गोरखधंधे में मुरेना का दूधवाला भी शामिल निकला है। यह दूधिया सिविल सर्जन दफ्तर के बाबूओं का दलाल है। दूध के धंधे की आड़ में 20 हजार रू फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का ठेका लेता है। उसे दबोचने के लिए पुलिस मुरेना गई है। इसके अलावा सिविल सर्जन दफ्तर के क्लर्क और पुराने चपरासी का नाम भी सामने आया है।
गोरखधंधे की और कडिय़ां सामने आने लगी हैं। सिविल सर्जन की यूडीआईडी से फर्जी प्रमाण पत्र जनरेट करने वाले कंम्पयूटर ऑपरेटर गुरूदयाल कुशवाह ने खुलासा फर्जीवाड़ा पूरा गिरोह चला रहा था। उनका दलाल झुंडपुरा, मुरेना का दूधवाला आदिराम रजक है। उसका सिविल सर्जन दफ्तर के कुछ बाबुओं से गहरा याराना है। आदिराम तमाम घरों में दूध देने जाता है। इसलिए उसके संपर्क में ऐसे बहुत लोग हैं, जो फर्जी दिव्यांग सार्टिफिकेट बनवाने की कोशिश में रहते हैं। इन लोगों को भी पता है आदिराम की सिविल सर्जन दफ्तर में पैठ है। इसलिए गोटी बैठ गई।
20 हजार में ठेका लेता दूधवाला
आरोपी बंसत कुमार गौड़ निवासी पवर्तपुरा, मुरेना ने पुलिस को बताया आदिराम दूध देने आता था। सिविल सर्जन दफ्तर के बाबुओं से उसकी गहरी छनती है पता था। उससे दिव्यांग प्रमाण बनवाने बात की। आदिराम 20 हजार रू में बहरे का प्रमाण पत्र बनवाने को राजी हो गया। उसने गारंटी दी पैसा पूरा लेगा तो पुख्ता काम करा कर देगा। प्रमाण पत्र ऑनलाइन चैक कर लेना। इसलिए उसे ठेका दिया।
बाबू और पुराना चपरासी भी शामिल
कंम्पयूटर ऑपरेटर गुरूदयाल ने बताया उसके अलावा सिविल सर्जन दफ्तर का कर्मचारी उपेन्द्र और पुराना चपरासी संजू पांडे भी गोरखधंधे में शामिल है। उसे तो इसलिए गिरोह में शामिल किया गया क्योंकि सिविल सर्जन की आईडी और पासवर्ड उसके पास थे। दूधिया आदिराम २० हजार में ठेका लेता था। इसलिए कमाई में उसका हिस्सा ज्यादा था, बाकी लोगों को काम के हिसाब से पैसा मिलता था। उसे एक प्रमाण पत्र जनरेट करने के एवज में एक हजार रू मिलता था। गुरूदयाल ने जो नाम बताए हैं। उनकी तस्दीक की जा रही है।
संदेहियों की तलाश
फर्जीवाड़े में कुछ और आरोपियों की तलाश है, उन्हें ढूंढा जा रहा है। इसलिए पुलिस की टीम दविश दे रही हैं। उनके सामने आने पर और खुलासे होंगे। इसमें बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है।
राजेश दंडौतिया एएसपी क्राइम
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