आरोपी बंसत कुमार गौड़ निवासी पवर्तपुरा, मुरेना ने पुलिस को बताया आदिराम दूध देने आता था। सिविल सर्जन दफ्तर के बाबुओं से उसकी गहरी छनती है पता था। उससे दिव्यांग प्रमाण बनवाने बात की। आदिराम 20 हजार रू में बहरे का प्रमाण पत्र बनवाने को राजी हो गया। उसने गारंटी दी पैसा पूरा लेगा तो पुख्ता काम करा कर देगा। प्रमाण पत्र ऑनलाइन चैक कर लेना। इसलिए उसे ठेका दिया।
कंम्पयूटर ऑपरेटर गुरूदयाल ने बताया उसके अलावा सिविल सर्जन दफ्तर का कर्मचारी उपेन्द्र और पुराना चपरासी संजू पांडे भी गोरखधंधे में शामिल है। उसे तो इसलिए गिरोह में शामिल किया गया क्योंकि सिविल सर्जन की आईडी और पासवर्ड उसके पास थे। दूधिया आदिराम २० हजार में ठेका लेता था। इसलिए कमाई में उसका हिस्सा ज्यादा था, बाकी लोगों को काम के हिसाब से पैसा मिलता था। उसे एक प्रमाण पत्र जनरेट करने के एवज में एक हजार रू मिलता था। गुरूदयाल ने जो नाम बताए हैं। उनकी तस्दीक की जा रही है।
फर्जीवाड़े में कुछ और आरोपियों की तलाश है, उन्हें ढूंढा जा रहा है। इसलिए पुलिस की टीम दविश दे रही हैं। उनके सामने आने पर और खुलासे होंगे। इसमें बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है।
राजेश दंडौतिया एएसपी क्राइम