कानून व्यवस्था
लाइनों में मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती, आकलित खपत, बढ़ते अपराध, वर्षा में सडक़ों की खराब स्थिति, दूषित पेयजल आदि को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल आने वाले समय में आंदोलन कर सकते हैं।
खराब सडक़ें, सीवर सफाई, पेयजल, बिजली कटौती, आकलित खपत, शहर में व्याप्त समस्याओं को लेकर आंदोलन हो सकते हैं। पेयजल
शहर में पेयजल व्यवस्था तिघरा से होती है, वर्तमान में एक दिन छोडकऱ पानी दिया जा रहा है, दूषित पेयजल भी आक्रोश का कारण बन सकता है।
खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अधिकारियों से कह चुके हैं कि शहर की एक भी सडक़ ऐसी नहीं है, जिसमें गड्ढे न हों, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी पता नहीं क्या कर रहे हैं। यातायात व्यवस्था सुधारने तमाम प्रयास किए गए, लेकिन अभी तक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं। बिजली के खंभों को शिफ्ट करने का काम भी लचर तरीके से किया जा रहा है। लापरवाही छोड़, शहर को दुरुस्त करें, हमें आमजन के बीच जाकर जवाब देना पड़ता है।
खाद्य मंत्री तोमर ने एसपी से यह भी कहा था कि प्रत्येक चौराहे पर पुलिसकर्मी नजर आने चाहिए। जुटा, सट्टा, स्मैक के उपयोग और विक्रय में जितने भी लोग लिप्त हैं, उनकी पहचान कर कार्रवाई की जाए।
विधायक प्रवीण पाठक ने कहा था कि खंभा लगाते समय बिजली कंपनी के अधिकारी जनप्रतिनिधियों को भी सूचना दें।
सुनील शर्मा ने कहा कि पशुओं के सींग पर रेडियम लगाएं, इससे पशुओं को दुर्घटना से बचाया जा सकता है।
विधायक गोयल ने कहा कि बारादरी पर पावर हाउस एवं खंभों के कारण ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है, इन्हें हटाया जाए।
मंत्री तोमर ने मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री से बिजली कटौती को लेकर कहा कि शट डाउन की जानकारी आमजन को समाचार पत्रों के जरिए दी जाए।