दशकों बाद संगीत कक्ष पुराने स्वरूप में लौट सका। एक बार फिर कक्ष में वाद्य यंत्रों के स्वर छिड़े, जिसके गवाह सैकड़ों लोग बने। हर एक ने कक्ष में बने झरोखे से रानी मृगनयनी की खुशी को महसूस किया। मौका था गूजरी महल स्थित संगीत कक्ष के उद्घाटन का। यहां 200 साल से 400 साल पुराने 23 वाद्य यंत्रों को रखा गया है। इनमें से कई वाद्य यंत्र ऐसे हैं, जिन्हें तानसेन समारोह में मंच की शोभा बढ़ा चुके हैं। उन्हें बजाने वाले आज भले ही न हों, लेकिन उनके नाम अब हमेशा अमर रहेंगे।
दस महीने के लंबे प्रयास के बाद मिली सफलता
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दशक से संगीत कक्ष को हथियार गैलरी बनाकर पर्यटकों को दिखाया जा रहा था। यहां एमपी पुलिस के हथियार रखे गए थे। संगीत कक्ष को हथियार गैलरी बनाने का मुद्दा पत्रिका ने जुलाई 2021 में उठाया था। इसके बाद कई खबरें प्रकाशित हुईं। शहर की संस्थाओं को भी जोड़ा गया, जिन्होंने गूजरी महल प्रभारी को ज्ञापन दिया। मंत्री और विधायकों ने भी अपनी राय में इसे गलत बताया, जिसके बाद विभाग चेता और भोपाल से इस विरासत को पुराने वैभव में लौटाने की रूपरेखा तैयार हुई।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दशक से संगीत कक्ष को हथियार गैलरी बनाकर पर्यटकों को दिखाया जा रहा था। यहां एमपी पुलिस के हथियार रखे गए थे। संगीत कक्ष को हथियार गैलरी बनाने का मुद्दा पत्रिका ने जुलाई 2021 में उठाया था। इसके बाद कई खबरें प्रकाशित हुईं। शहर की संस्थाओं को भी जोड़ा गया, जिन्होंने गूजरी महल प्रभारी को ज्ञापन दिया। मंत्री और विधायकों ने भी अपनी राय में इसे गलत बताया, जिसके बाद विभाग चेता और भोपाल से इस विरासत को पुराने वैभव में लौटाने की रूपरेखा तैयार हुई।
संगीत से जुड़े छात्र-छात्राओं के लिए होगी वर्कशॉप
संगीत कक्ष बनते ही अब आगे की रूपरेखा तैयार होने लगी है। गूजरी महल से जुड़े अधिकारियों के अनुसार जल्द ही संगीत से जुड़े छात्र-छात्राओं को यहां विजिट कराया जाएगा। उनके लिए वर्कशॉप रखी जाएगी। जिससे उनकी रूचि संगीत की ओर बढ़े और वह पुराने वैभव से परिचित हो सकें।
संगीत कक्ष बनते ही अब आगे की रूपरेखा तैयार होने लगी है। गूजरी महल से जुड़े अधिकारियों के अनुसार जल्द ही संगीत से जुड़े छात्र-छात्राओं को यहां विजिट कराया जाएगा। उनके लिए वर्कशॉप रखी जाएगी। जिससे उनकी रूचि संगीत की ओर बढ़े और वह पुराने वैभव से परिचित हो सकें।
संगीत प्रेमियों ने 3 वाद्य यंत्र दिए दान, आगे नाम का उल्लेख होगा
संगीत कक्ष में रखे गए 20 वाद्य यंत्र खरीदे गए हैं। ये सभी पुराने हैं, जिनकी ठीक कराकर यहां डिस्प्ले किया गया है। इसमें विभाग का लगभग पौने तीन लाख रुपए खर्च आया है। इसके अलावा 3 वाद्य यंत्र संगीतप्रेमियों ने दान दिए हैं। इनमें पैडल हारमोनियम, पखावज, तबला डग्गा शामिल हैं। इसके साथ ही यहां राजा मानसिंह, रानी मृगनयनी, सम्राट तानसेन, बैजू बावरा की तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
संगीत कक्ष में रखे गए 20 वाद्य यंत्र खरीदे गए हैं। ये सभी पुराने हैं, जिनकी ठीक कराकर यहां डिस्प्ले किया गया है। इसमें विभाग का लगभग पौने तीन लाख रुपए खर्च आया है। इसके अलावा 3 वाद्य यंत्र संगीतप्रेमियों ने दान दिए हैं। इनमें पैडल हारमोनियम, पखावज, तबला डग्गा शामिल हैं। इसके साथ ही यहां राजा मानसिंह, रानी मृगनयनी, सम्राट तानसेन, बैजू बावरा की तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
इन वाद्य यंत्रों को लगाया गया
सरोद-2, सारंगी-2, दिलरूबा-2, तानपुरा-2, तबला डग्गा- 2 जोड़ी, मृदंग-1, पखावज-1, सुरमंडल-1, तबला-1, तानपुरी-1, बांसुरी-1, झांस मजीरा-1 हारमोनियम-1 का डिस्प्ले किया गया है। इसके साथ ही महाराजा मानसिंह, रानी मृगनयनी, बैजू बावरा, सम्राट तानसेन की फोटो भी लगाई गई है।
सरोद-2, सारंगी-2, दिलरूबा-2, तानपुरा-2, तबला डग्गा- 2 जोड़ी, मृदंग-1, पखावज-1, सुरमंडल-1, तबला-1, तानपुरी-1, बांसुरी-1, झांस मजीरा-1 हारमोनियम-1 का डिस्प्ले किया गया है। इसके साथ ही महाराजा मानसिंह, रानी मृगनयनी, बैजू बावरा, सम्राट तानसेन की फोटो भी लगाई गई है।
वर्जन
संगीत कक्ष से हथियार हटाकर वाद्य यंत्रों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिसका उद्घाटन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया। यहां 200 साल से 400 साल पुराने वाद्य यंत्र हैं, जिनको सही कराकर यहां रखा गया है। अब जल्द ही संगीत से जुड़े छात्र-छात्राओं के लिए वर्कशॉप कराई जाएगी।
पीसी महोबिया, प्रभारी, गूजरी महल
संगीत कक्ष से हथियार हटाकर वाद्य यंत्रों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिसका उद्घाटन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया। यहां 200 साल से 400 साल पुराने वाद्य यंत्र हैं, जिनको सही कराकर यहां रखा गया है। अब जल्द ही संगीत से जुड़े छात्र-छात्राओं के लिए वर्कशॉप कराई जाएगी।
पीसी महोबिया, प्रभारी, गूजरी महल